- संयुक्त राष्ट्र : अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से घोषित सरकार निश्चित रूप से समावेशी नहीं है और अफगान लोग शासन के ऐसे ढांचे को स्वीकार नहीं करेंगे जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक शामिल न हों।
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि गुलाम इसाकजई ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग, खासकर युवा जो केवल एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान को जानते हैं, शासन की ऐसी संरचना को स्वीकार नहीं करेंगे जो सभी के लिए संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करती हो और पूर्व में हासिल उपलब्धियों को संजो नहीं सकती हो।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस्लामी अमीरात की बहाली को अस्वीकार करने का आह्वान किया। इसाकजई को पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र में काबुल का राजदूत नियुक्त किया था। उनकी टिप्पणी कार्यवाहक तालिबान सरकार के गठन को लेकर पूर्ववर्ती गनी शासन द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की पहली प्रतिक्रिया है।