पटना

जेपी-लोहिया फिर से पाठ्यक्रम में होंगे शामिल


      • राजभवन में कुलपतियों की बैठक में हुआ फैसला
      • शिक्षा मंत्री ने जताया राज्यपाल के प्रति आभार
      • पाठ्यक्रम में बदलाव पर उच्चतर शिक्षा पर्षद की सहमति जरूरी

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचार फिर से पाठ्यक्रम में शामिल किये जायेंगे। राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में राज्य के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में तय हुआ कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को विहित प्रक्रिया के तहत फिर से पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। राज्यपाल फागू चौहान ने कुलपतियों की बैठक गुरुवार को राजभवन में बुलायी थी। राज्यपाल राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी बैठक में शामिल हुए। शिक्षा मंत्री  श्री चौधरी ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए बताया कि उच्चस्तरीय बैठक में लिये गये निर्णयानुसार जे. पी. एवं  लोहिया के विचारों को विहित प्रक्रया से पाठ्यक्रम में फिर से शामिल किया जायेगा। साथ ही विश्वविद्यालयों के अन्य पाठ्यक्रमों को भी उपयोगी एवं प्रासंगिक बनाने हेतु नियमानुसार ह द्वारा लागू किया जायेगा।

शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि सरकार की पहल पर राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की आवश्यक बैठक हुई। इसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों में हुए बदलाव के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अन्य मामलों पर भी चर्चा हुई। पिछले दिनों लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को राजनीति विज्ञान के स्नातकोत्तर  पाठ्यक्रम से बाहर किये जाने पर सरकार ने आपत्ति जतायी थी।

बैठक में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा नैक ग्रेडिंग के लिए मुस्तैदी से ससमय प्रयास करने एवं प्रधानाचार्य की नियुक्ति, आदि मामले पर भी सार्थक एवं निर्णायक चर्चा हुई। इन मामलों में राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने समुचित काररवाई का निर्देश दिया। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने बैठक के नतीजों को बिहार में उच्च शिक्षा में सुधार एवं प्रगति के जनभावना के अनुरूप बताया तथा राज्यपाल के प्रति आभार जताया। बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव  संजय कुमार एवं सचिव असंगबा चुबा आओ ने भी हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय है कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीतिशास्त्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया के राजनीतिक विचार एवं दर्शन हटाये जाने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दखल के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले को राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के संज्ञान में लाया था। तब, राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान पटना से बाहर थे। उनके लौटते ही सोमवार को राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान से जयप्रकाश विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में राजनीतिशास्त्र सहित अन्य विषयों के स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रम में किये गये बदलाव के मामले में हस्तक्षेप के लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मिले।

शिक्षा मंत्री ने श्री चौधरी ने राज्य सरकार की सोच एवं मंशा से राज्यपाल-सह-कुलाधिपति को अवगत कराते हुए उन्हें बताया कि बिहार की जनभावना एवं यहां के राजनीतिक माहौल से जुड़े लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं राम मनोहर लोहिया जैसे चिंतकों के विचारों को पाठ्यक्रम से बाहर करना अनुचित एवं बिहारवासियों की भावना के प्रतिकूल है। इन नेताओं ने बिहार ही नहीं देश की राजनीतिक सोच एवं विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि पाठ्यक्रम में बदलाव करने हेतु निर्धारित सामान्य प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया। उसके बाद राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा गुरुवार को कुलपतियों की बैठक बुलायी गयी।