इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का अभियान, जो पिछले सात वर्षो से चला आ रहा है, अब एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
मोदी ने कहा, आज हम एक ऐसा मिशन शुरू कर रहे हैं जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि 130 करोड़ आधार संख्या, 118 करोड़ मोबाइल ग्राहक, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता लगभग 43 करोड़ जन धन बैंक खातों के साथ, दुनिया में कहीं भी इतना बड़ा कनेक्टेड बुनियादी ढांचा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह डिजिटल बुनियादी ढांचा राशन से लेकर प्रशासन तक सब कुछ तेज पारदर्शी तरीके से आम भारतीय तक पहुंचा रहा है। आज शासन सुधारों में जिस तरह से प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है वह अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरोग्य सेतु एप ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी मदद की है। उन्होंने मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत आज भारत को लगभग 90 करोड़ वैक्सीन खुराक का रिकॉर्ड प्रशासन हासिल करने में भूमिका के लिए को-विन की सराहना की।
स्वास्थ्य में प्रौद्योगिकी के उपयोग के विषय को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी की अवधि के दौरान टेलीमेडिसिन का अभूतपूर्व विस्तार भी हुआ है। अब तक ई-संजीवनी के माध्यम से लगभग 125 करोड़ दूरस्थ परामर्श पूरे किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा देश के दूर-दराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से प्रतिदिन जोड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई ने गरीबों के जीवन में एक प्रमुख समस्या को संबोधित किया है अब तक दो करोड़ से अधिक देशवासियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है, जिनमें से आधी महिलाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बीमारियां परिवारों को गरीबी के दुष्चक्र में धकेलने के प्रमुख कारणों में से एक हैं परिवारों की महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि वे हमेशा अपने स्वास्थ्य के मुद्दों को पीछे रखती हैं।
मोदी ने कहा कि उन्होंने आयुष्मान के कुछ लाभार्थियों से व्यक्तिगत रूप से मिलने बातचीत के दौरान योजना के लाभों का अनुभव किया है।
उन्होंने कहा, ये स्वास्थ्य सेवा समाधान देश के वर्तमान भविष्य में एक बड़ा निवेश है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन अब देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा यह मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि जीवन की सुगमता को भी बढ़ाएगा।
इसके तहत अब प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि देश में एम्स अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है हर तीन लोकसभा क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का काम चल रहा है।