न्यायाधीशों की कुल संख्या हुई 26, अभी भी 27 पद खाली
पटना (विधि सं)। अधिवक्ता कोटे से पटना हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए चार अधिवक्ता समेत हाल ही में पटना हाई कोर्ट में ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए अधिसूचना के आलोक में पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति राजन गुप्ता, केरल हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अनंत मनोहर बदर व कर्नाटक हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति पी बी बजन्थरी ने पटना हाई कोर्ट के शताब्दी भवन के लॉबी में बुधवार 20 अक्टूबर, 2021 को पूर्वाह्न 11 बजे पद व गोपनीयता की शपथ ली। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया गया।
अधिवक्ता कोटे से न्यायमूर्ति संदीप कुमार, न्यायमूर्ति पुरणेंदु सिंह, न्यायमूर्ति सत्यव्रत वर्मा व न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा को पटना हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई गई। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण एक सादे समारोह में किया गया। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से अत्यंत ही सीमित संख्या में लोगों को निमंत्रित किया गया था। कार्यभार संभालने की तिथि से इनकी वरीयता निर्धारित की जाएगी।
न्यायमूर्ति राजन गुप्ता का जन्म 14 सितंबर, 1960 को फिरोजपुर में हुआ था। इनके पिता शहर के एक मशहूर हड्डी रोग शल्य चिकित्सक हैं। इन्होंने वर्ष 1982 में वकील के तौर पर पंजाब व हरियाणा बार कॉउन्सिल में अपना निबंधन करवाया था। 10 जुलाई, 2008 को जज बनने से पूर्व ये सी बी आई के विशेष लोक अभियोजक भी थे। ये अन्य पदों के अलावे हरियाणा राज्य के लिए डिप्टी एडवोकेट जनरल भो रहे। स्कूल के दिनों में इन्हें घुड़सवारी और शूटिंग का शौक रहा।
न्यायमूर्ति अनंत मनोहर बदर वर्ष 2000 के नवंबर महीने में डिस्ट्रिक्ट जज नियुक्त हुए थे। वे अकोला व वर्धा में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज के तौर पर भी काम किये। वे बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्री में रजिस्ट्रार विजिलेंस भी थे। वे 3 मार्च, 2014 को बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त हुए। इसके बाद मार्च, 2016 में स्थाई जज बनाये गए थे।
न्यायमूर्ति पी बी बजन्थरी का जन्म 23 अक्टूबर, 1963 को हुआ था। इनकी शिक्षा बंगलोर स्थित एस जे आर सी लॉ कॉलेज में भी हुई थी। इन्हें 2 जनवरी, 2015 को कर्नाटक हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। इसके बाद इन्हें 16 मार्च, 2015 को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में जज के रूप में तबादला कर दिया गया। कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर किये जाने के बाद 17 नवंबर, 2018 को इन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के जज के तौर पर शपथ लिया। 1990 में अधिवक्ता के रूप में निबंधन करवाने के बाद ये कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत की शुरुआत की। ये वर्ष 1993 – 94 में के पी एस सी के वकील के तौर पर काम किये। भारत सरकार द्वारा इन्हें मई 2006 में नोटरी भी नियुक्त किया गया था।
शपथ ग्रहण समारोह में पटना हाई कोर्ट के माननीय जज, राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर, बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एन सिंह, माननीय जजों के परिवार के सदस्य, माननीय जजों के अतिथिगण, पटना हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, पटना हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह, लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय ठाकुर, लॉयर्स एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार सिंह, एडवोकेट्स एसोसिएशन के महासचिव शैलेन्द्र कुमार सिंह, बार एसोसिएशन के महासचिव मुकेश कांत समेत अधिवक्ता संघों के अन्य प्रतिनिधिगण, पटना हाई कोर्ट के स्टाफ समेत अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।
अब पटना हाई कोर्ट में जजों की कुल संख्या 26 हो गई है, फिर भी पटना हाई कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या से 27 कम। हालांकि, विभिन्न अधिवक्ता संघों द्वारा पटना हाई कोर्ट में दायर किये जाने वाले मुकदमों की संख्या व लंबित मुकदमों की तादाद के मद्देनजर जजों की संख्या बढ़ाने की मांग समय-समय पर की जाते रही है।