- उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुशीनगर जिले की रामकोला विधानसभा सीट की अपनी ही खासियत है. हालांकि पिछले 2 चुनाव से यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और इस सीट पर बीजेपी की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का कब्जा है. लेकिन अब बदले राजनीतिक माहौल में यहां पर मुकाबला कांटेदार होने के आसार हैं.
चुनाव के कदमों की आवाज साफ सुनाई देने के साथ रामकोला विधानसभा सीट से भाजपा समर्थित सुहेलदेव पार्टी से मौजूदा विधायक रामानंद बौद्ध का टिकट काटना लगभग तय माना जा रहा है. 2022 के चुनाव में भाजपा किसको अपना प्रत्याशी बनाती है इस निर्णय पर सपा, कांग्रेस और बसपा अपनी रणनीति तय करेगी. वैसे इस विधानसभा पर भाजपा व सपा का सीधा मुकाबला होना तय है.
सामाजिक तानाबाना
परिसीमन के बाद वर्ष 2012 में रामकोला विधानसभा सीट सामान्य से अनुसूचित सीट के रूप में आरक्षित कर दी गई. नतीजतन सारे समीकरण उलट-पलट गए. नए राजनीतिक माहौल और समीकरण के बीच हुए चुनाव में सपा ने अपनी सीट बचा ली. लेकिन जातीय आंकड़ों के हिसाब से इस विधानसभा सीट को देखें तो सैंथवार क्षत्रिय, मुस्लिम और हरिजनों की निर्णायक भूमिका रहती है.
प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और इस सीट से विधायक रह चुके राधेश्याम सिंह भी व्यक्तिगत तौर पर इस विधानसीट में प्रभावकारी शख्सियत माने जाते हैं.