तमिलनाडु में भारी बारिश से पानी जमा होने के बाद सरकार ने मुल्लापेरियार बांध के तीन से चार गेट खोल दिए हैं, जिससे केरल के इडुक्की जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं। केरल सरकार के अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने सुबह करीब साढ़े सात बजे 126 साल पुराने बांध के तीसरे और चौथे द्वार को 0.30 मीटर तक खोल दिया। बांध के इन दो द्वारों से 538.16 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मुल्लापेरियार बांध में सुबह नौ बजे जल स्तर 138.80 फुट था। जिससे केरल में स्थित पेरियार नदी के तट पर रहने वाले लगभग 400 परिवारों के करीब 3,000 लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित और ऊंची जगहों पर पहुंचाया जा चुका है।
केरल के राजस्व मंत्री के. राजन और जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टिन बांध के द्वार खोले जाने के दौरान मौजूद थे। मीडिया से बातचीत में राजस्व मंत्री राजन ने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने भी सोशल मीडिया पर डर का माहौल पैदा करने वालों के खिलाफ आगाह किया है।
मुल्लापेरियार बांध के गेट खोले जाने और डूब वाले इलाकों में अधिक बारिश के अनुमान के मद्देनजर सरकार ने इडुक्की जलाशय के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है। ऑगस्टिन ने कहा कि इडुक्की जलाशय में मुल्लापेरियार बांध से छोड़े जा रहे पानी के भराव की पर्याप्त क्षमता है। इडुक्की में जल भराव क्षमता 70.5 टीएमसी है।
100 साल से भी ज्यादा पुराना है बांध
मुल्लापेरियार बांध का निर्माण केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर 1895 में किया गया था और तमिलनाडु सरकार अपनी सिंचाई और बिजली उत्पादन की जरूरतों के लिए इसका संचालन करती है। केरल सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए नया बांध बनाने पर जोर दे रहा है लेकिन तमिलनाडु इसके खिलाफ है और उसका कहना है कि मौजूदा बांध मजबूत