- देहरादून, । उत्तराखंड में पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के बाद राज्य की प्रमुख नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है। अब वन विभाग इससे होने वाले प्रभावों का आईआईटी रुड़की से अध्ययन कराएगा। 17 अक्टूबर से हुई भारी बारिश के बाद वन विभाग द्वारा किए गए विश्लेषण में पाया गया कि कुमाऊं, कोसी, गौला, नंधौर और डबका में उफनती नदियों ने अपना रास्ता बदल लिया है। कुछ क्षेत्रों में वह आबादी वाले इलाकों में प्रवाहित लोने लगी हैं। कई इलाकों नदियों के बदलते स्वरूप ने खनन और वन विभाग के कार्यों को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
नदियों के प्रवाह में बदलाव चिंताजनक
पश्चिमी सर्किल (उत्तराखंड) के मुख्य वन संरक्षक तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि नदियों के प्रवाह में बलाव हमारे लिए चिंता का विषय है। हमने आईआईटी रुड़की से उचित तकनीक का इस्तेमाल कर इन परिवर्तनों का बारीकी से अध्ययन करने के लिए कहा है। पाटिल ने कहा कि अपने सामान्य रास्ते पर बहने के बजाय वर्षा आधारित नदियों का पानी अब अपने पारंपरिक चैनक के माध्यम से बहता है, जिससे भारी नुकासन होता है।