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उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से पावर प्रोजेक्ट प्रभावित, 150 मज़दूर कर रहे थे काम


उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेश्यिर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है. नदी के कई तटबंध टूटने के बाद बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.

इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुँचा है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पावर प्रोजक्ट में काम कर रहे 150 मज़दूर ग़ायब हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा है कि वे घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर अफ़वाह पर ध्यान नहीं देने और पुराने वीडियो नहीं शेयर करने का आग्रह किया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीम भेज दी गई है.

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया, “ग्लेशियर ने ऋषिगंगा बिजली परियोजना को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. वहाँ 50 से अधिक आदमी काम करते थे उनके भी इसमें हताहत होने की संभावना है. हमारी टीमें वहाँ पहुँच गई हैं. उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुँच गई हैं. बहाव में आई मिट्टी में दबे लोगों को ढूंढा जा रहा है. कुछ लोगों को बचाया भी गया है. जहाँ से यह हिमखंड आया है वहाँ स्थिति साफ़ है. कर्ण प्रयाग तक पानी आ चुका है. बारिश में गंगा जी में जितना पानी आता है अभी उतना ही पानी नदी में है. हमने पूरी बेसिन को खाली कराया है. कोशिश कर रहे हैं आगे कोई हताहत न हो. आज के लिए राफ्टिंग को बंद करवा दिया गया है क्योंकि अगले चार पाँच घंटे में पानी ऋषिकेश और हरिद्वार तक भी पहुँचेगा.”

चमोली के अपर ज़िलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल ने बताया, “हिमस्खलन के कारण ऋषिगंगा बिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ है. लोगों के हताहत होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. परियोजना की साइट पर कुछ लोग लापता हैं. लेकिन अभी उनकी सटीक संख्या नहीं दी जा सकती है.”

उन्होंने बताया, “धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों के रास्ते पहले से अधिक चौड़े हो गए हैं. हमने तपोवन से हरिद्वार तक हाई अलर्ट जारी कर दिया है. नदी के किनारे की आबादी को वहाँ से निकाला गया है. सेना, आईटीबीपी भी मदद कर रही है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ घटनास्थल पर मौजूद है.

प्रभावित इलाके में फँसे लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 1905 और 9557444486 पर संपर्क करने की सूचना भी दी है.

ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुक़सान

मुख्यमंत्री ने एक अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुँचने की आशंका है. उन्होंने लिखा कि नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ आ सकती है. तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है. नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है.

उन्होंने लिखा, “एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है. अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है. एसडीआरएफ़ अलर्ट पर है.”

समाचार एजेंसी एएनआई ने आईटीबीपी के हवाले से बताया कि उत्तराखंड के चमोली ज़िले के रेनी गाँव के पास बाढ़ की स्थिति है. इसने नदियों के कई तट और घरों को तोड़ डाले हैं.

आईटीबीपी के जवान लोगों की मदद को भेजे गए हैं. जोशीमठ के पास रेनी गाँव में राहत का काम चल रहा है.

श्रीनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार में ख़तरे की सीमा को पार कर जाएगा जलस्तर

चमोली पुलिस ने बताया कि “तपोवन क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.”

उन्होंने बाढ़ से संबंधित एक सूचना भी जारी की जिसमें बताया गया कि श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में जलस्तर ख़तरे की सीमा को पार कर जाएगा.

इसमें बताया गया है कि शाम चार बजे तक श्रीनगर में जलस्तर 553 मीटर तक बढ़ सकता है. वहीं रात आठ बजे तक यह जलस्तर श्रीनगर में 340 मीटर और हरिद्वार में रात 9 बजे तक यह 294 मीटर तक बढ़ सकता है.