फुलवारीशरीफ। बिहार एक बार फिर कोरोना की चपेट में हैं। तीसरी लहर में नए केस मिलने की रफ्तार दूसरी लहर से काफी तेज है। इस बीच पटना एम्स ने लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए हर हाल में सख़्ती से कोरोना गाईड लाइन का पालन करने की अपील की है। अनुमान के मुताबिक जब बिहार में कोरोना पीक पर होगा तो रोजाना करीब 18 से 20 हजार मामले आ सकते हैं। हालांकि पटना एम्स और सरकार का पूरा मेडिकल सिस्टम इससे लड़ने के लिए तैयार है। पटना एम्स के नोडल कोरोना ऑफ़िसर डॉ संजीव कुमार ने बताया कि आम लोग काफी हद तक खुद से घर में इलाज कर ले रहे हैं। लेकिन ऐसे में यह समझ लेना कि लक्षण गंभीर नहीं होंगे या यह परेशानी नहीं बढ़ेंगी, यह गलत है।
उन्होंने बताया कि हमारे पास अब तक 60 से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिसमें से 5 की मौत भी हुई है। लोग यह मान बैठे हैं कि तीसरी लहर के लक्षण बर्दाश्त किए जा सकते हैं और इसके लिए जांच कराने की जरूरत नहीं है। यहीं सोच हमारे लिए बड़ी परेशानी बन सकती है। क्योंकि इसकी वजह से संक्रमण दर तेजी से बढ़ेगी। लोग संक्रमित होने के बावजूद न तो जांच करा रहे हैं और न ही आइसोलेट हो रहे हैं। वह बाहर निकल रहे हैं अपना काम कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमितों की संख्या राज्य में और तेजी से बढ़ने की पूरी संभावना है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि लोग अपनी जांच कराएं, समाजिक दूरी का पालन करें, सैनिटाइजर का उपयोग करें और मास्क जरूर लगायें।
नए लक्षण सामने आ रहे इस बार
सामान्य तौर पर इस बार लक्षणों में सर्दी, खांसी ज्यादा है। लेकिन इसके साथ ही कुछ नए लक्षण भी हैं। बदन में असहनीय दर्द हो रहा है। इतना ज्यादा कि मरीज कई बार दर्द की वजह से डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। गले में खराश बहुत ज्यादा परेशान करने वाली है। साथ ही पेट खराब होना, आंखों में लालीपन, लाल चकत्ते शरीर पर होना , सिर दर्द यह सारे लक्षण है। जो इस बार सामने आ रहे हैं।
डॉ संजीव कुमार ने आगे बताया कि इस बार राज्य का आर वैल्यू 4 के ऊपर है। यानी यहां कोरोना विस्फोट होना तय है। यही वजह है कि कोरोना के नए केसेज 5 हजार गुना तेजी से बढ़े हैं। रविवार को यह आंकड़ा 5,000 पार कर गया । जबकि 24 दिसंबर को 10 नए केस सामने आए थे। कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत सीरियस नहीं दिख रहे हैं लोग जांच नहीं करा रहे हैं। ऐसे में पक्के आंकड़े आ पाना मुश्किल है।