रांची, । 28 नवंबर 21सदर अस्पताल स्थित औषधि विभाग से नकली दवाओं के जप्त सैंपल की चोरी गत दिनों हो गई थी। यह सैंपल की चोरी एक सोची समझी साजिश के तहत की गई थी। ड्रग माफियाओं को बचाने के लिए यहां से उन्हीं दवाओं की सैंपल की चोरी हुई थी। जो दो-तीन महीने पहले ड्रग इंस्पेक्टरों के द्वारा जप्त की जाती है। सीपीआई के अजय सिंह और आरजेडी के राजेश यादव ने डायरेक्टर औषधि औषधि विभाग से मिलकर इस पर भी गंभीर आपत्ति जताई थी और उनसे मांग की थी कि जो भी कर्मचारी या ड्रग इंस्पेक्टर इस चोरी की साजिश में शामिल होंगे, उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर उचित कार्रवाई करें।
कई दिन बात जाने पर भी नहीं हुई कार्रवाई
कई दिन बीत गए परंतु अभी तक कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई। ऐसा प्रतीत होता है कि ड्रग इंस्पेक्टर और कर्मचारी लोग ड्रग माफियाओं के दबाव में आकर काम करते हैं ।सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम करते हैं और सरकार को लाखों रुपया का राजस्व की हानि पहुंचाते नकली दवाइयों का प्रचलन रांची में लगातार बढ़ रहा है । यह ड्रग माफिया और ड्रग इंस्पेक्टरों की मिलीभगत से कारोबार रांची शहर के में फल फूल रहा है । लाखों रुपए का लेनदेन होता रहा है इसी साजिश के तहत नकली दवाओं का सैंपल सदर अस्पताल के प्रांगण से वहां के कर्मचारियों की मिलीभगत से ड्रग माफियाओं ने करवाया। इस पर कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है जो दर्शाता है कि इस मामले को भी रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। जनहित में सीपीआई और आरजेडी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री से 10 दिसंबर 21 को मिलकर एक संयुक्त ज्ञापन सौंप कर इन ड्रग माफियाओं को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का मांग किया था। रांची में नकली दवाओं का जो व्यापार फल फूल रहा है उस पर रोक लगाने की मांग किया था ।