नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर किसान पिछले 76 दिनों से दिल्ली के तीन बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का प्रतीक बन गया. अब धीरे-धीरे गाजीपुर बॉर्जर पर धरने पर बैठे किसानों की संख्या कम होने लगी है. पहले जहां सैकड़ों की संख्या में किसान धरने पर बैठे थे वह अब महज कुछ दर्जन लोगों में सिमट गए हैं. राकेश टिकैत का कहना है कि लोगों के जाने के बाद भी उनका धरना जारी रहेगा.
आंदोलन खत्म नहीं होगा
राकेश टिकैत ने कहा कि भूखे पेट लोग कब तक धरने पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि खेती के काम अब शुरू हो चुके हैं, ऐसे में लोग चले गए हैं. टिकैत ने कहा कि उनका धरना खत्म नहीं होगा. किसानों के हक के लिए वह पिछले ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. तब तक सरकार उनसे बातचीत नहीं करेगी उनका धरना चालू रहेगा. राकेश टिकैत ने कहा का आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर सहारनपुर में महापंचायत हो रही है. इसमें तय होगा कि आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए. दीप सिद्धू की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू बताए कि आखिरकार किन लोगों के कहने पर उसने यह किया है. पूरी घटना के पीछे किसकी साजिश थी.
7 साल हो गए, प्रधानमंत्री मिलते ही नहीं
जब उनसे पूछा कि आखिरकार वह अपनी मांगों को लेकर सरकार से बात क्यों नहीं करते. इस पर उन्होंने कहा कि आखिर किसके पास बातचीत के लिए जाएं. सरकार बातचीत करना ही नहीं चाहती है. पिछले सात साल में एक बार भी प्रधानमंत्री ने मुलाकात नहीं की है. राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को लेकर लोगों का अब भी उन्हें समर्थन मिल रहा है. लोग भले ही धरनास्थल से चले गए हों लेकिन लोगों का समर्थन अब भी उनके साथ है. धरनास्थल से लोगों के जाने के बाद गंदगी देख वह खुद ही झाड़ू लगाने लगे.