15 को वेतन सत्यापन कोषांग का घेराव, पांच अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों सहित 250 अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारियों की चार दिनों की हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गयी। शिक्षकेतरकर्मी शनिवार को काम पर लौट आयेंगे। बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर विभिन्न विश्वविद्यालयों सहित 250 अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारी 13 सूत्री मांग को लेकर एक फरवरी से चार दिनों की निश्चितकालीन हड़ताल पर थे। इसका असर विभिन्न विश्वविद्यालयों सहित अंगीभूत एवं अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में काम-काज पर पड़ा।
महासंघ की मांगों में बकाया वेतन, पेंशन, सेवानिवृत्ति लाभ, अंतर वेतन की राशि का भुगतान, सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष, विसंगतियों का निराकरण, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन, स्टाफिक पैटर्न पर नियुक्त कर्मचारियों के वेतन का बजट में प्रावधान एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार खास तौर पर शामिल है। निश्चितकालीन हड़ताल के अंतिम दिन भी हड़ताली शिक्षकेतरकर्मी अपने-अपने कॉलेज के समक्ष धरने पर रहे।
महासंघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद झा एवं महामंत्री ब्रजकिशोर सिंह ने बताया की मांगों की पूर्ति की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। इसके मद्देनजर आंदोलन के अगले चरण में 15 फरवरी को वेतन सत्यापन कोषांग कोषांग का घेराव होगा। पांच अप्रैल से शिक्षकेतर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
शिक्षकेतर कर्मचारियों की निश्चितकालीन हड़ताल का असर यहां पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय एवं उसके अंगीभूत कॉलेजों में भी रहा। महासंघ के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र के अध्यक्ष दीपक कुमार का दावा है कि कॉलेजों में काम-काज बाधित रहा। महासंघ के उपाध्यक्ष वेंकटेश कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेंद्र कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष रोहित कुमार, प्रक्षेत्र के उपाध्यक्ष बिनोद कुमार, संयुक्त मंत्री संजीव कुमार एवं कोषाध्यक्ष अनुज कुमार ने विभिन्न कॉलेजों का दौरा कर हड़ताली कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया।