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आनलाइन और मान्‍यता प्राप्‍त मीडियाकर्मियों और संस्‍थानों के लिए सरकार ने जारी किए नए दिशा निर्देश


नई दिल्‍ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के लिए हानिकारक तरीके से काम करने वाले पत्रकार अपनी सरकारी मान्यता खो देंगे। सेंट्रल मीडिया एक्रेडिटेशन गाइडलाइंस-2022 में आनलाइन न्यूज प्लेटफार्म के लिए काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल न्यूज एग्रीगेटर्स को मान्यता देने के मुद्दे पर विचार नहीं किया जा रहा है।

नई नीति के मुताबिक यदि कोई पत्रकार देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता, या किसी भी संबंध में प्रतिकूल तरीके से कार्य करता है, तो उसकी मान्यता रद की जा सकती है या फिर वो अपने निलंबन के लिए उत्‍तरदायी होगा। इसमें अदालत की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाना भी शामिल है।

कोई पत्रकार या मीडिया संगठन जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, झूठी/जाली जानकारी या दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो भी मान्यता को रद किया जा सकता है। ऐसी घटना में पत्रकार/मीडिया संगठन को केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन समिति (सीएमएसी) द्वारा तय किए गए नियमानुसार कम से कम दो और अधिकतम पांच वर्षों के लिए मान्यता रद कर दी जाएगी।

मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों को सार्वजनिक/सोशल मीडिया प्रोफाइल, विजिटिंग कार्ड्स, लेटर हेड्स या किसी अन्य फार्म या किसी भी प्रकाशित कार्य पर भारत सरकार से मान्यता प्राप्त शब्दों का उपयोग नहीं करना होगा। ये अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।

मंत्रालय प्रधान महानिदेशक, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की अध्यक्षता में सीएमएसी नामक एक समिति का गठन किया गया है जिसमें सरकार द्वारा नामित 25 सदस्य शामिल हैं। ये समिति दो साल तक काम करेगी और पत्रकारों की मान्यता को निलंबित करने के लिए जिम्मेदार होगी। सीएमएसी द्वारा नामित पांच सदस्यों वाली सीएमएसी की एक उप-समिति की अध्यक्षता पीआईबी के प्रधान महानिदेशक करेंगे।

इसमें ये भी कहा गया है कि मान्‍यता के लिए आवदेन करने के दौरान आनलाइन प्लेटफार्म कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए। मान्‍यता देने से पहले इसके विजिटर्स और पेज व्‍यूज की भी जानकारी ली जाएगी। मान्‍यता पाने को आवेदन करने वाली वेबसाइट का भारत में एक रजिस्‍टर्ड आफिस जरूरी होगा साथ ही इसका कोई संवाददाता दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित जरूर होना चाहिए। यदि आवेदक द्वारा दी गई जानकारी झूठी पाई गई तो अगले तीन वर्षों के लिए मान्यता के लिए आवेदन करने से वंचित कर दिया जाएगा।