(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में छठे चरण में होने वाली प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयनित 42,902 अभ्यर्थियों में से 95 फीसदी अभ्यर्थियों के टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के सर्टिफिकेट जंच गये हैं। हालांकि, ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट की जांच में तेजी नहीं आ पायी है। बावजूद, चयनित अभ्यर्थियों को 25 फरवरी के पहले ही नियुक्ति पत्र मिलेंगे।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की स्थिति की शिक्षा विभाग द्वारा की गयी समीक्षा के बाद बताया कि चयनित अभ्यर्थियों में से 95 फीसदी अभ्यर्थियों के टीईटी के सर्टिफिकेट जंच गये हैं। लेकिन, उनके ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट की जांच की स्थिति में अपेक्षित तेजी नहीं आयी है। इसलिए कि टीचर्स ट्रेनिंग संस्थान देश भर में हैं। हालांकि, 25 फरवरी के पहले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने तय हैं। इसके मद्देनजर 25 फरवरी के पहले नियुक्ति पत्र देने के लिए रास्ता निकाला जा रहा है।
चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की स्थिति की समीक्षा शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार, सचिव असंगबा चुबा आओ, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश एवं उपनिदेशक प्रभात कुमार पंकज सहित सभी संबंधित अधिकारी शामिल थे।
आपको याद दिला दूं कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की पहल पर राज्य में छठे चरण में 90, 762 प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तीन चक्र में काउंसलिंग हो चुकी है। पहले चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े थे। दूसरे चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन पड़े थे। पहले चक्र की काउंसलिंग गत पांच जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक हुई। इससे इतर दूसरे चक्र की काउंसलिंग गत दो अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चली। दो चक्र की काउंसलिंग में ऐसी भी नियोजन इकाइयां रहीं, जिनकी काउंसलिंग या तो स्थगित हुई या रद्द हुई। ऐसे तकरीबन 1,368 नियोजन इकाइयों के 12,495 पदों के लिए तृतीय चक्र की काउंसलिंग 17 जनवरी से 28 जनवरी तक हुई।
तीनों चक्र की काउंसलिंग में 42,902 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। दरअसल, चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के पहले उनके तमाम शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक सर्टिफिकेट की जांच कराये जाने के प्रावधान हैं। लेकिन, शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक सर्टिफिकेट दूसरे प्रदेशों के भी हैं। इससे सर्टिफिकेट की जांच में समय लगने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इससे बचने के लिए ही चयनित अभ्यर्थियों को उनके टीईटी या सीटीईटी के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर ही नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है।