पटना

बिहार बोर्ड ने फिर रचा इतिहास


13.46 लाख परीक्षार्थियों की इंटरमीडिएट परीक्षा समाप्त

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। देश भर के परीक्षा बोर्डों में सबसे पहले इंटरमीडिएट की परीक्षा लेकर बिहार बोर्ड ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। राज्य में 1,471 परीक्षा केंद्रों 13.46 लाख परीक्षार्थियों की एक फरवरी से चल रही इंटरमीडिएट की परीक्षा कदाचाररहित माहौल में सोमवार को समाप्त हो गयी। परीक्षा में बरती गयी सख्ती का अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि नकल के जुर्म में 464 परीक्षार्थी निष्कासित हुए तथा दूसरे के बदले परीक्षा देते 57 फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार किये गये।

कोरोना माहामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच 13.46 लाख परीक्षार्थियों के लिए इतने बड़े स्तर पर परीक्षा का आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन बेहतर प्लानिंग, परीक्षा कार्यों से जुड़े जिला एवं मुख्यालय स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों के बीच बेहतर समन्वय तथा कोरोना के प्रति विद्यार्थियों की जागरूकता की वजह से परीक्षा स्वच्छ, शांतिपूर्ण एवं कदाचाररहित माहौल में हुई। इसे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी केंद्राधीक्षकों, दंडाधिकारियों, वीक्षकों, पुलिस के जवानों, नोडल अफसरों तथा समिति के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा है कि परीक्षा के दौरान सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा संबंधी सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्टï रहीं तथा परीक्षा का संचालन शांतिपूर्ण एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

कोरोना प्रोटोकॉल के बावजूद कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन के तमाम बंदोबस्त रहे। परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये।  परीक्षा संचालन प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की गयी। सभी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती रही। जोनल एवं सब जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किये गये। सशस्त्र जवानों के साथ पुलिस अफसर की भी तैनाती की गयी। परीक्षा अवधि में परीक्षा केंद्रों के दो सौ गज की परिधि में धारा-144 लागू  रही। परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक ही परीक्षार्थियों की इंट्री की व्यवस्था रही। परीक्षा संचालन की मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों में नोडल अफसर तैनात किये गये। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में कंट्रोल रूम खोला गया। परीक्षा केंद्रों में कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, इयर फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स प्रतिबंधित रहा।

प्रश्नपत्र के 10 सेट की व्यवस्था रही। 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक की तैनात किये गये। परीक्षार्थियों की तलाशी के बाद वीक्षकों द्वारा इस आशय के घोषणा लिये गये कि किसी परीक्षार्थी के पास आपत्तिजनक सामग्री नहीं पायी गयी है। विद्यार्थियों के हित में ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव प्रश्नों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त अंकों का विकल्प दिये गये। यानी, विद्यार्थियों द्वारा जितने प्रश्नों का हल किये जा रहे हैं, उससे दोगुने संख्या में प्रश्न पूछे गये। हर जिले में चार मॉडल परीक्षा केंद्र बनाये गये। छात्राओं के लिए बनाये गये हर मॉडल परीक्षा केंद्र में सभी वीक्षक, पुलिस के जवान एवं मजिस्ट्रेट के रूप में महिलाओं की ही तैनाती हुई।

अंतिम दिन पहली पाली में साइंस, ऑट्र्स एवं कॉमर्स के परीक्षार्थियों के लिए अतिरिक्त विषय समूह के तहत भाषा विषयों यानी मैथिली, संस्कृत, प्राकृत, मगही, भोजपुरी, अरबी, परसियन, पाली एवं बांग्ला की परीक्षा हुई। दूसरी पाली में साइंस, ऑट्र्स एवं कॉमर्स के परीक्षार्थियों की कम्प्यूटर साइंस, मल्टी मीडिया एंड वेब टेक्नोलॉजी, योगा एंड फिजीकिल एजुकेशन एवं वोकेशन के रिलेटेड सब्जेक्ट की परीक्षा हुई। दोनों पालियों की परीक्षा के लिए 12,594 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरे थे।