पटना

छपरा: सांसद रुडी की पहल से अरदेवा फार्म पर मधुमक्खी पालन का दिया जा रहा है प्रशिक्षण, महिलाओं की बढ़ेगी आमदनी


छपरा। आत्मनिर्भर भारत की ओर सारण की महिलाएं भी अपना कदम बढ़ा चुकी है। स्थानीय सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी के अरदेवा कृषि फार्म पर जीविका द्वारा उन्हें मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित हो चुकी महिलाएं अपने इस व्यवसाय से दूसरों को भी रोजगार दे रही है।

इस सदंर्भ में सांसद रुडी ने बताया कि प्रायोगिक तौर पर स्वयं मधुमक्खी पालन करने के बाद अब आमजन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो इसी विचार से तरैयां स्थित अरदेवा फार्म में उन्होंने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिलाने का एक प्रयास किया है। विदित हो कि पिछले वर्ष ही सांसद ने अपने कृषि फार्म पर मधुमक्खी पालन शुरू किया था।

मधुमक्खी पालन से होने वाले लाभ को देखते हुए रुडी ने आमजन और विशेषकर महिलाओं को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया और उसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की। इसका परिणाम भी सुखद रहा और आज जीविका की महिलाएं इस व्यवसाय से जुड़कर स्वावलंबी बन रही है।

सांसद रुडी ने बताया कि जीविका के माध्यम से मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में यह पहला बड़ा प्रयास है। इससे जुड़ने वाली महिलाओं के आत्मबल में वृद्धि हुआ है। कई महिलाएं मधुमक्खी पालन से जुड़ी हुई है और इससे हो रही आमदनी से आर्थिक रूप से सुदृढ़ भी हो रही है। उन्होंने बताया कि किसान इसका पालन अपने खेतों में कर सकते हैं जिससे उन्हें डबल मुनाफा होगा। सांसद ने बताया कि फसलों में रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करने से परागण की समस्या रहती है।

किसानों के खेत में ये उनकी मित्र की तरह मौजूद रहेंगी, जो एक तरफ उन्हें शहद से आमदनी देंगी और दूसरी तरफ इससे फसल, सब्जियों और फलों का परागण भी आसान हो सकेगा और उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि एक बॉक्स में 8 या 10 छत्ते होंगे, जिसमें सालाना कम से कम 30 किलोग्राम तक शहद हो सकता है। शहद का बाजार मूल्य वर्तमान में 300 से 350 रुपये प्रति किलोग्राम है।