चहनियां। माघ पूर्णिमा सन्त रविदास जयन्ती के अवसर पर पारम्परिक रूप से क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कई धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण किये। क्षेत्र के रानेपुर, खण्डवारी बस्ती, बलुआ, टाण्डा, मारूफपुर, मोहरगंज, पपौरा आदि जगहों पर रविदास जयंती धूमधाम से मनायी गयी। रानेपुर में लादू बाबा द्वारा एक एक ईंट मांगकर बने मन्दिर में भी विशेष आयोजन हुआ। सैकड़ो की संख्या में भक्तजन बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर पहुंचकर जलभरावन किये। मन्दिर पर पूजन अर्चन किये। कहीं भजन, कीर्तन, गीत संगीत का कार्यक्रम चला तो कहीं लंगर प्रसाद का बितरण किया गया। शास्त्रों में माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है । जिसका लोगों ने परम्परा पूर्वक निर्वहन किया ।शास्त्रों में माघ स्नान एवं व्रत की बड़ी महिमा बतायी गयी है । माघ के प्रत्येक तिथि पुण्यपर्व है। उनमें भी माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व दिया गया है । माघ मास की पूर्णिमा तीर्थ स्थलों में स्नान दान के लिए परम फलदायनी बतायी गयी है। इस दिन स्नानएदान, गोदान एवं यज्ञ का विशेष महत्व है। वैसे तो माघ मास ही पूजन अर्चन के लिए प्रसिद्ध है। किन्तु माघी पूर्णिमा को कुछ धार्मिक कर्म सम्पन्न करने की भी बिधि शास्त्रों में दी गयी है। इन्ही परम्पराओ का निर्वहन करते हुए बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर शृद्धालुओ ने माघी पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगायी। भोर से स्नान दान का सिलसिला चलता रहा । लोग घरों में पूजन अर्चन किये।