नई दिल्ली, । भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को खराब फार्म की वजह से लगातार आलोचना झेलनी पड़ रही है। उनको टेस्ट टीम की उप कप्तानी से भी हटाया गया और साउथ अफ्रीका में फ्लाप होने के बाद टीम से बाहर करने की बात की जा रही थी। रणजी ट्राफी उनके लिए एक आखिरी मौका बनकर सामने आया। बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी उनको घरेलू टूर्नामेंट में रन बनाकर वापसी करने का सुझाव दिया था।
रणजी ट्राफी के पहले ही मुकाबले में रहाणे ने दमदार पारी खेल डाली है। उन्होंने सौराष्ट्र के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 10 चौके की मदद से हाफ सेंचुरी जमाई। इस दौरान उन्होंने 103 गेंद का सामना किया और मुंबई की लड़खडाती पारी को संभाला। रहाणे को जिस एक अच्छी पारी की जरुरत थी वह उनको गुरुवार 17 फरवरी रणजी ट्राफी के पहले दिन मिली।
मुंबई के कप्तान ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी लेकिन उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। 2 रन पर कप्तान पृथ्वी शा के तौर पर टीम को पहला झटका लगा। इसके बाद आकर्षित गोमेल भी जब टीम का स्कोर 22 रन था तो विकेट गंवा बैठे। 44 रन के स्कोर पर टीम को तीसरा झटका लगा। यहां से रहाणे ने सरफराज खान के साथ मिलकर पारी को संभाली और स्कोर आगे बढ़ाया।