जयपुर। राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में राज्य पुलिस में इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम ने दो युवकों को अजमेर जिले के किशनगढ़ से पकड़ा है। इन दोनों युवकों को जयपुर लाकर पूछताछ की जा रही है। इनमें से एक युवक निजी अस्पताल में नौकरी करता है और दूसरा मोबाइल की दुकान चलाता है। इंटेलिजेंस ब्यूरो को पिछले कई दिनों से इन दोनों युवकों के बारे में सूचना मिल रही थी कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सामरिक महत्व के इलाकों के बारे में यह पाकिस्तान में सूचनाएं पहुंचा रहे हैं। इसके बदले आइएसआइ से इन्हें पैसा मिलता है। इन दोनों युवकों की गतिविधियों पर कई दिनों तक नजर रखी गई।
दस्तावेज भी बरामद
सूचना पुख्ता होने पर दोनों को बुधवार देर रात पकड़ा गया। दोनों युवकों से पूछताछ की जा रही है। दोनों युवकों के पास कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। इंटेलीजेंस के महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि किशनगढ़ से दो युवकों को पकड़ा गया है। वरिष्ठ अफसरों की टीम दोनों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद इनके बारे में अधिकारिक जानकारी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से सटे राज्य के जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जिलों से लगातार ऐसे लोगों को पकड़ा जाता रहा है, जो सामरिक महत्व की सूचनाएं आइएसआइ तक पहुंचाते रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलर के जाल में फंसकर रेलवे पोस्ट आफिस से भारतीय सेना से जुड़ी सूचनाएं और दस्तावेज वाट्सएप पर भेजने वाले भरत बावरी को पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। राजस्थान में जोधपुर के खेड़ापा निवासी भरत जयपुर स्थित रेलवे डाक सेवा में एमटीएसकर्मी के रूप में कार्यरत है। भरत बावरी को शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को उसे जयपुर जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। प्रदेश में इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।