नई दिल्ली, : भारत ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की उन टिप्पणियों पर गुरुवार को कड़ी आपत्ति व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा में करीब आधे सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। जानकारी के मुताबिक, भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वांग को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और उन्हें बताया गया कि टिप्पणियां गैरजरूरी थीं और भारत उन पर आपत्ति व्यक्त करता है।
मालूम हो कि संसद में 40 मिनट के अपने भाषण में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने इस बारे में बात की थी कि कैसे एक लोकतांत्रिक प्रणाली को ईमानदार सांसदों की आवश्यकता होती है और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को नगर-देश में कैसे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जिन नेताओं ने आजादी के लड़ाई लड़ी और जीती, वे अक्सर बेहद साहसिक व असाधारण, बेहद सांस्कृतिक और उत्कृष्ट क्षमता के व्यक्ति होते हैं। वे संघर्षो को पार करके आए और लोगों व राष्ट्रों के नेताओं के रूप में उभरे। ऐसे नेताओं में डेविड बेन-गुरियंस और जवाहरलाल नेहरू शामिल हैं और हमारे अपने नेता भी हैं।’
‘ 70 वर्षीय ली सीन लूंग ने कहा, ‘सिंगापुर को उसी मार्ग पर जाने से रोकने के लिए क्या है? कुछ नहीं। हम अन्य देशों की तुलना में आंतरिक रूप से अधिक स्मार्ट या अधिक गुणी नहीं हैं। आधुनिक सिंगापुर असफल-सुरक्षित तंत्र के साथ पैदा नहीं हुआ है।’