(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को 131 परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गये। ऐसे सभी 131 परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किये गये हैं। इसके साथ ही दूसरे के बदले परीक्षा देते पकड़े गये सात फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई है। सुपौल एवं सारण में दूसरे के बदले परीक्षा देते पकड़े गये दो-दो फर्जी परीक्षार्थी की गिरफ्तारी हुई। नालंदा, अरवल एवं नवादा में एक-एक फर्जी परीक्षार्थी की गिरफ्तारी हुई, जो दूसरे के बदले परीक्षा में बैठे थे।
दूसरी ओर नकल के जुर्म में सबसे ज्यादा 22 परीक्षार्थी सारण जिले में परीक्षा से निष्कासित हुए हैं। दूसरा स्थान पर सुपौल रहा, जहां 17 परीक्षार्थी नकल करते पकड़े जाने के बाद परीक्षा से निष्कासित किये गये हैं। तीसरा स्थान पर नालंदा रहा, जहां से 14 नकलची परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित हुए हैं। नवादा चौथे स्थान पर रहा, जहां 13 परीक्षार्थियों को निष्कासन की सजा मिली है। पटना पांचवें स्थान पर रहा। पटना से 11 परीक्षार्थी नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासित किये गये हैं। सीवान छठे स्थान पर रहा, जहां नौ नकलची परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित किया गया है। समस्तीपुर सातवें स्थान पर रहा, जहां आठ नकलची परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासन की सजा मिली है।
वैशाली एवं जमुई आठवें स्थान पर रहा, जहां सात नकलची परीक्षार्थियों को परीक्षा से निकाल बाहर किया गया है। खगडिय़ा नौवें स्थान पर रहा, जहां छह परीक्षार्थियों को नकल के जुर्म में परीक्षा से निष्कासन की सजा भुगतनी पड़ी है। मधेपुरा, गोपालगंज एवं मधुबनी दसवें स्थान पर रहा, जहां से तीन-तीन परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित किया गया है। दो-दो नकलची परीक्षार्थियों के निष्कासन के साथ रोहतास एवं मुजफ्फरपुर ग्यारहवें स्थान पर रहा। एक-एक नकलची परीक्षार्थी के निष्कासन के साथ गया, भागलपुर, लखीसराय एवं बेगूसराय बारहवें स्थान पर रहा। नकल के जुर्म में परीक्षार्थियों के निष्कासन की काररवाई नकल विरोधी कानून यानी बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के तहत हुई है। इसके तहत निष्कासन के बाद परीक्षार्थी अनुमंडलाधिकारी के समक्ष पेश किये गये, जहां उन्हें जुर्माने पर छोड़ा गया।
दूसरे दिन सभी 1,525 परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में 80 अंकों की विज्ञान (भौतिकी, रसायनशास्त्र एवं जीव विज्ञान) की परीक्षा परीक्षार्थियों ने दी। पहली पाली की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 8,27,288 थी। इनमें 4,23,081 छात्र एवं 4,04,207 छात्राएं थीं। दूसरी पाली की परीक्षा के परीक्षार्थियों की संख्या 8,21,606 थी। इनमें 4,19,108 छात्र एवं 4,02,498 छात्राएं थीं।
मैट्रिक की परीक्षा के प्रथम पाली की परीक्षा में सम्मिलित हुए सभी परीक्षार्थी पूरी परीक्षा के दौरान पहली पाली की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इसी प्रकार दूसरी पाली की परीक्षा में सम्मिलित हुए सभी परीक्षार्थी पूरी परीक्षा के दौरान दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। आपको याद दिला दूं कि मैट्रिक की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए 16,48,894 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरे हैं। इनमें 8,42,189 छात्र एवं 8,06,705 छात्राएं हैं।
पटना जिले के सभी 74 परीक्षा केंद्रों पर कदाचारमुक्त परीक्षा स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण माहौल में हुई। नेत्रहीन परीक्षार्थियों के लिए पहली पाली में विज्ञान के बदले 70 अंकों की संगीत की परीक्षा हुई। नेत्रहीन परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए निर्धारित समय में प्रति घंटा 20 मिनट अतिरिक्त समय दिये जाने का प्रावधान है।