जम्मू, : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सुरक्षा हालात लगातार बेहतर हो रहे हैं। अगले कुछ सालों में ऐसा होगा कि हमें सीआरपीएफ या फिर अन्य किसी सुरक्षाबल को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए शहरों में तैनात नहीं करना पड़ेगा। कश्मीर में बेहतर होते हालात इसका स्पष्ट उदाहरण है। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हमारे सुरक्षाबलों ने राज्य में आतंकवाद को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है।
ह बात गृहमंत्री अमित शाह ने आज शनिवार को सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस पर शहर के मौलाना आजाद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। सीआरपीएफ के जवानों की परेड की सलामी लेने व बलिदानियों के परिजनों व जांजाब जवानों को पुलिस सम्मान पदक से सम्मानित करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने डीजी सीआरपीएफ से कहा कि सीआरपीएफ जवानों को आने वाले चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक हथियारों सहित अन्य तकनीकों में सक्षम बनाने के लिए जल्द से जल्द एक रोडमैप तैयार करें। सीआरपीएफ के जवान हर क्षेत्र में बेहतर होने चाहिए।
गृहमंत्री ने सीआरपीएफ जवानों की सराहना करते हुए कहा कि चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है और निष्पक्ष चुनाव एक लोकतांत्रिक देश की आत्मा है। जब भी भारत में लोकसभा या विधानसभा चुनाव होते हैं, सीआरपीएफ देश भर में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में एक अनिवार्य भूमिका निभा रहा है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में सीआरपीएफ की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की चुनौतियों के लिए अभी से तैयार रहने की जरूरत है।