नई दिल्ली, राजस्थान के दौसा (Dausa) जिले में एक महिला डाक्टर ने खुदकुशी कर अपनी जान दे दी है। बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में महिला डाक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसी से दुखी होकर उन्होंने खुदकुशी कर ली। महिला डाक्टर की खुदकुशी के बाद राजस्थान के अलावा दिल्ली के डाक्टरों ने भी विरोध जताया है।
डाक्टरों का प्रदर्शन
महिला डाक्टर की खुदकुशी के विरोध में जयपुर और दौसा के निजी अस्पताल के डाक्टर एक दिन की हड़ताल पर हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डाक्टरों ने भी बाजुओं पर काली पट्टी पहनकर इस घटना पर विरोध जताया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही के कारण महिला को आत्महत्या करनी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट जब कह चुका है कि डॉक्टर के खिलाफ 302 में मामला दर्ज नहीं हो सकता फिर पुलिस ने मामला दर्ज क्यों किया? उन्होंने कहा कि डिविजनल कमिश्नर इसकी जांच कर रहे हैं, दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री जल्दी ही इस पर कोई निर्णय लेंगे।
क्या है मामला?
बता दें कि दौसा के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया था। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने डाक्टर अर्चना शर्मा और उनके पति डाक्टर सुनीत उपाध्याय के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था। एफआइआर में कहा गया कि अस्पताल और डाक्टर की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो गई।
दौसा के एसएचओ शंकर लाल मीणा ने कहा, ‘डाक्टर अर्चना के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। खुदकुशी मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। हमें उनके कमरे से सुसाइड लेटर भी मिला है। मामले की जांच अभी जारी है।’ पुलिस ने बताया कि 29 मार्च को अस्पताल के एक कमरे में अर्चना शर्मा ने कथित तौर पर फंदा डालकर अपनी जान दे दी।
अर्चना के पति ने भी दर्ज कराया केस
उधर, अर्चना शर्मा के पति ने भी दौसा पुलिस थाने में केस दर्ज कराया है। उन्होंने मामले में एक नेता, बाल्या जोशी और मरीज के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।