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Sita Navami 2022: सीता नवमी आज, जानिए महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त


नई दिल्ली, : पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र के समय माता सीता प्राकट्य हुई थी। जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे हैं तो उस समय धरती से एक बच्ची प्राकट्य हुई। जिन्हें सीता नाम से जाना जाता है। इसी कारण हर साल सीता माता के जन्मोत्सव के रूप में इस दिन को सीता नवमी या फिर जानकी जयंती के नाम से जाना जाता है। इस दिन का महत्व काफी अधिक है। माना जाता है कि सीता नवमी के दिन पूजा पाठ और दान पुण्य करने स हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। जानिए सीता नवमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

 

सीता नवमी शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि प्रारंभ- 09 मई शाम 06 बजकर 32 मिनट पर शुरू

नवमी तिथि समाप्त- 10 मई को शाम 07 बजकर 24 मिनट तक

उदया तिथि 10 मई होने के कारण मंगलवार को सीता नवमी मनाई जाएगी।

सीता नवमी पूजा विधि

सीता नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ कपड़े धारण कर लें। अब पूजा घर या फिर साफ जगह पर एक लकड़ी की चौकी रखकर लाल या फिर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद इसमें माता सीता-रात की मूर्ति या फिर राम दरबार की तस्वीर विराजित कर दें। इसके बाद पूजन शुरू करें। सबसे पहले फूल के माध्यम से जल अर्पित करें। इसके बाद लाल या पीले रंग के फूल और माला चढ़ाएं। माता सीता को सिंदूर और भगवान राम को पीला चंदन लगा दें। इसके बाद अपने अनुसार भोग लगाकर घी का दीपक और धूप जलाएं। अब मां सीता का स्मरण करते हुए ‘श्री सीतायै नमः:’ और ‘श्री सीता-रामाय नम:’ मंत्र का जाप करें। अंत में विधिवत तरीके से आरती करते हुए भूल-चूक के लिए माफी मांग लें।