विधानसभा में विधेयक पेश
पटना (आससे)। किसी के खिलाफ झुठी शिकायत की तो हो सकते हैं दंडित। शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विधेयक की प्रति सदन में वितरित की गयी। इसके लिए बिहार लोकायुक्त संशोधन विधेयक २०२१ की प्रति वितरित की गयी है। इसके अतिरिक्त बिहार काराधन विवादों का समाधान विधेयक २०२१ तथा बिहार सिविल न्यायालय विधेयक २०२१ की प्रति वितरित की गयी है। इन विधेयकों पर मंगलवार को विमर्श के बाद सदन से मंजूरी दिलायी जायेगी।
बिहार लोकायुक्त संशोधित विधेयक में कहा गया है कि लोकायुक्त द्वारा की जाने वाली जांच एवं अन्वेषण से संबंधित प्रक्रिया बिहार लोकायुक्त अधिनियम २०११ में सन्निहित है। इसकी धारा २५ में लोकायुक्त द्वारा कियी लोकसेवक या अन्य व्यक्ति से सूचना आदि प्रस्तुत करने की अपेक्षा संबंधी प्रावधान अंकित है। सरकार को विभिन्न श्रोतों से जानकारी मिली है कि लोकायुक्त संस्था के समक्ष परिवाद कर्ताओं द्वारा झूठे मामले भी दर्ज किये जा रहे हैं, जिसके कारण इस प्रतिष्ठित संस्था का समय बर्बाद हो रहा है।
उक्त अधिनियम में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जिसमें लोकायुक्त संस्था के समक्ष झूठे परिवाद दायर करने वाले शिकायतकर्ताओं को इस संस्था द्वारा उनके कृत्य के लिए सजा दी जा सके। जबकि अन्य राज्यों के लोकायुक्त संस्था में ऐसे प्रावधान उपलब्ध है। लोकायुक्त संस्था के निर्वाध संचालन के लिए इस संस्था को झूठी शिकायत की स्थिति में दंडात्मक कार्यवाही की शक्ति मिल जायेगी।