नई दिल्ली। आप की दिल्ली सरकार के दो प्रमुख मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज काे रिपोर्ट करने की बात करने वाले बयान के बाद आप का नेता विजय नायर फिर से चर्चा में हैं।
नायर वह व्यक्ति है जिसे जांच एजेंसियों ने आबकारी घोटाले में प्रमुख साजिशकर्ता माना है। यह वह व्यक्ति है जो एक समय बहुत पावरफुल व्यक्ति बन गया था। यह व्यक्ति बहुत तेजी से आप में उभरा था।
कॉलेज बीच में छोड़ खड़ी की थी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी
अब आप सोच रहे होंगे कि नायर कौन है तो हम आप को बता दें कि विजय नायर मुंबई के ओनली मच लाउडर (ओएमएल) नामक कंपनी का पूर्व सीईओ है।
यह कंपनी एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी है। नायर कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। उसने साल 2002 में 18 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
कॉलेज छोड़ने के बाद 2002 में ही नायर ने कंपनी की स्थापना की। एक मैनेजमेंट कंपनी के रूप में ओएमएल के पास पेंटाग्राम जैसे शीर्ष बैंड थे।
रहमान से लेकर नोरा जोन्स तक नायर की कंपनी के लाइव इवेंट में करते थे परफॉर्म
ओएमएल के लाइव इवेंट में एआर रहमान और रघु दीक्षित से लेकर नोरा जोन्स और डीजे डेविड गुएटा जैसे कलाकारों ने भी परफार्म किया था।
नायर जनवरी 2014 में आम आदमी पार्टी के संपर्क में आया था। अगले साल 2015 में दिल्ली में उसकी कंपनी ओएमएल के वार्षिक संगीत समारोह एनएच7 वीकेंडर के छठे संस्करण आयोजन हुआ था।
उसी समय वह आप से जुड़ गया था। उसके आप के शीर्ष नेताओं से अच्छे संबंध थे और उसने पार्टी को चंदा भी दिया था।
आप के नजदीक और मिलती गईं जिम्मेदारियां
आप के नजदीक आने पर वह 2015 से 2018 तक पार्टी में सोशल मीडिया रणनीतिकार व कार्यक्रम आयोजक की भूमिका की थी।
2018 में नायर का पार्टी के भीतर कद बढ़ा और उसे पार्टी का कम्यूनिकेशन इंचार्ज बना दिया गया। उसने पंजाब चुनाव में पार्टी के लिए काम किया था, उसके बाद गुजरात में संचार रणनीति संभाली थी।
दिल्ली आबकारी घाेटाले के आरोप में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में नायर को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई की एफआईआर में शुरुआत में जिन 15 लोगों का नाम था, उसमें नायर और मनीष सिसोदिया का नाम शामिल था।
नायर को आबकारी घोटाले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में एक माना गया
सीबीआई की एफआईआर में इस बात का जिक्र है कि केजरीवाल सरकार में आबकारी नीति बनाने और लागू करने में जो ‘अनियमितता’ हुई उसमें नायर शामिल था। नायर को इस मामले में प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक माना गया है।
सीबीआई के मुताबिक नायर पैसों के अवैध लेन-देन में आरोपियों और शराब कारोबार से जुड़े लोगों के बीच कड़ी का काम कर रहा था।
इसलिए हुई थी गहलोत से पूछताछ
ईडी के मुताबिक वह सिविल लाइन के उस बंगले का इस्तेमाल कर रहा था जो परिवहन मंत्री कैलाश गहलाेत के नाम पर आबंटित था। मंत्री इस बंगले में कभी नहीं रहे, वह अपने निजी आवास में ही शुरू से रहते हैं।
ये हैं कठघरे में
कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज व आतिशी
आतिशी
-जल,कानून,राजस्व, योजना, वित्त, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, संस्कृति और भाषा व सतर्कता व सेवाएं, उच्च शिक्षा, ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन, पब्लिक रिलेशन।
-2020 में विधायक बनीं।
-मार्च 2023 में मंत्री बनीं
— अन्ना आंदोलन से केजरीवाल से जुड़ीं
-पद-पार्टी में प्रमुख प्रवक्ता
सौरभ भारद्वाज
– स्वास्थ्य, शहरी विकास, पर्यटन विभाग एवं कला, उद्योग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण।
-मार्च 2023 में मंत्री बने
-अन्ना आंदोलन से केजरीवाल से जुड़े।2013, 2015 और 2020 में विधायक बने।
-पद-पार्टी में प्रमुख प्रवक्ता
कैलाश गहलोत
परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
-मई 2017 को मंत्री बने
-कब हुए आप में शामिल-2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आप में शामिल हुए।2015 और 2020 में विधायक बने
संगठन में क्या है जिम्मेदारी-वह केवल आप नेता हैं, संगठन में उनके पास कोई पद नहीं है





