Latest News उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड नयी दिल्ली राजस्थान राष्ट्रीय लखनऊ

ADR Report : कौन मुख्यमंत्री कितना है धनवान? जान‍िए क‍िसके पास है सबसे कम संपत्त‍ि


नई द‍िल्‍ली, । एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, वर्तमान में 30 मुख्‍यमंत्र‍ियों में से 29 मुख्‍यमंत्री करोड़पत‍ि हैं। इस ल‍िस्‍ट में सबसे टॉप पर आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का नाम है। दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू हैं, जबक‍ि र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, सबसे कम संपत्त‍ि पश्‍च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के पास है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30 वर्तमान मुख्‍यमंत्र‍ियों द्वारा दाखि‍ल क‍िए गए शपथ पत्र के व‍िश्‍लेषण के बाद एडीआर और इलेक्शन वॉच इस न‍िष्‍कर्ष पर पहुंचा।

हर एक मुख्‍यमंत्री के पास औसत 33.96 करोड़ की संपत्त‍ि

28 राज्‍य और दो केंद्र शासित प्रदेश हैं। दो केंद्र शासित प्रदेशों द‍िल्‍ली और पुडुचेरी में भी सीएम हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर अभी कोई मुख्‍यमंत्री नहीं है। एडीआर ने 30 मुख्‍यमंत्र‍ियों के शपथ पत्र का व‍िश्‍लेषण करने के बाद पाया क‍ि 29 यानी 97 प्रत‍िशत मुख्‍यंत्री करोड़पत‍ि हैं। इन मुख्‍यमंत्र‍ियों में हर एक के पास औसतन 33.96 करोड़ की संपत्त‍ि है।

कौन मुख्यमंत्री कितना है धनवान?

एडीआर की र‍िपोर्ट के मुताबि‍क, आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सबसे अधि‍क दौलतमंद हैं। जगन मोहन के पास 510 करोड़ रुपए की संपत्ति है। दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू हैं, ज‍िनके पास 163 करोड़ की संपत्त‍ि है। इसके बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के बाद 63 करोड़ हैं। ब‍िहार के सीएम नीतीश कुमार और द‍िल्‍ली के सीएम अरव‍िंद केजरीवाल के पास बराबर की संपत्त‍ि है। दोनों के बाद 3 करोड़ की संपत्त‍ि है। इसके केरल के सीएम पिनाराई व‍िजयन और हर‍ियाणा के मनोहर लाल के पास एक-एक करोड़ की संपत्त‍ि है। सबसे कम संपत्त‍ि पश्‍च‍िम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पास है। एडीआर की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, ममता बनर्जी के पास 15 लाख की संपत्त‍ि है।

30 सीएम में से 13 के खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्ज हैं आपराधि‍क केस

30 सीएम में से 13 यानी 43 प्रत‍िशत के खि‍लाफ गंभीर धाराओं में आपराधि‍क केस दर्ज हैं। इसमें हत्‍या, हत्‍या का प्रयास और अपहरण जैसे मामले भी शामि‍ल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक जेल के साथ गैर-जमानती अपराध हैं।