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AIUDF ने राहुल गांधी को दी नसीहत, कहा- भाजपा को चुनौती देने के लिए गुजरात से शुरू करनी चाहिए थी भारत जोड़ो यात्रा


गुवाहाटी, पिछले कई दिनों से कांग्रेस दक्षिण भारत से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान पर है। इसका नेतृत्व पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी कर रहे हैं। कांग्रेस के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान को भाजपा समेत कई पार्टियों ने जमकर आलोचना की है। वहीं, अब असम के एक राजनीतिक दल ने कांग्रेस को नसीहत दी है। बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को एक ‘फ्लॉप शो’ बताया है। साथ ही कहा कि यह यात्रा गुजरात से शुरू होना चाहिए थी, जहां भाजपा का मजबूत आधार है। गुजरात से यह यात्रा शुरू करके 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा में सेंध लगाई जा सकती थी।

एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव करीमुद्दीन बरभुइया ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यह अब एक फ्लॉप शो बन गया है। जब कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा’ की घोषणा की थी, तो मुझे बहुत खुशी हुई थी। क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ एक कार्यक्रम चलाया है।

कांग्रेस का रोड मैप देख हुआ आश्चर्य

जब कांग्रेस पार्टी ने यात्रा का रोडमैप घोषित किया, जो 12 राज्यों को कवर करेगा। कांग्रेस का यह रोड मैप देख मुझे आश्चर्य हुआ। उन्होंने केरल से कार्यक्रम शुरू किया, क्या केरल में भाजपा का कोई गढ़ है? कांग्रेस को यह यात्रा गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र या अन्य हिस्सों से शुरू करनी चाहिए थी। जहां भाजपा का मजबूत आधार है। कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए उन राज्यों को चुना है जहां गठबंधन सहयोगी हैं।

 

एआईयूडीएफ विधायक ने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के रूट ने कांग्रेस के मिशन में बाधा पहुंचाने का काम किया है।

AIUDF विधायक ने भारत जोड़ो यात्रा पर खड़े किए सवाल

साथ ही उन्होंने कहा कि अब सवाल उठा है कि यह यात्रा भाजपा के खिलाफ है या भाजपा के पक्ष में है। इन 12 राज्यों में भाजपा के अधिकतम 20 सांसद हैं और अब कांग्रेस अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत इन राज्यों को कवर करेगी। अगर कांग्रेस पार्टी वास्तव में भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहती है, उन्हें यह यात्रा गुजरात से शुरू करनी चाहिए थी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से सवाल पूछते हुए कहा कि पार्टी ने केवल यही मार्ग क्यों चुना। आखिर इस यात्रा के मार्ग को लेकर क्या कारण था। इस मार्ग को अंतिम रूप किसने दिया?