हैदराबाद, । पुरानी कहावत है- ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोय’ जो हर हादसे में एक न एक उदाहरण पेश कर ही देती है। शुक्रवार शाम को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के कारण आई आफत में भी तेलंगाना के विधायक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। चौपर से परिवार के साथ अमरनाथ गुफा में दर्शन करने पहुंचे विधायक टी राजा सिंह ने मौसम के खतरे को भांपते हुए वहां से किसी तरह निकल जाना ही बेहतर समझा। इस क्रम में उन्होंने खच्चर का सहारा लिया और समय रहते सपरिवार उतर आए। उनके उतरने के तुरंत बाद ही बादल फटा और गुफा के पास के टेंटों को पानी का तेज बहाव अपने साथ उखाड़ ले गया।
समय रहते उतर आए थे विधायक
तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने शुक्रवार की रात मीडिया से बात करते हुए घटना के बारे में बताया। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। विधायक ने बताया, ‘हमने बदलते मौसम के साथ इसके खराब होते हालात को भांप लिया। खराब मौसम में चौपर सेवाएं भी उपलब्ध नहीं होती इसलिए हमने खच्चर से नीचे उतरने का फैसला लिया। वहां से करीब एक किलोमीटर नीचे से बादल फटते देखा। अधिकांश टेंट बह गए।’
विधायक ने बताई आंखो देखी
MLA को विशेष सुरक्षा इंतजाम मिला हुआ था, सेना ने उन्हें और उनके परिवार को नीचे उतरने में मदद की। विधायक ने आगे बताया कि उस वक्त गुफा के पास दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। उन्होंने बताया, ‘पर्वतों से होते हुए पानी का तेज बहाव कुछ टेंटों का बहा ले गया। मेरे हिसाब से कम से कम 50 लोग तो उस पानी में बह गए होंगे। अमरनाथ गुफा में सेना काफी अच्छा काम कर रही थी लेकिन उस अचानक आए आपदा में वे भी लाचार और बेबस हो गए होंगे।’
राहत और बचाव कार्य जारी
आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण आई बाढ़ के कारण कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा।