चंडीगढ़, । खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। हर रोज अमृतपाल को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच, शुक्रवार को एक नया खुलासा हुआ, जिसने सभी को चौंका दिया। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था।
खुफिया जानकारी के अनुसार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने अपनी पत्नी को कैद में रखा, उसे नियमित रूप से पीटा है। अमृतपाल अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था और अन्य महिलाओं के साथ जुड़ा हुआ था।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अमृतपाल सिख सिद्धांतों का पालन किए बिना दुबई में एक शानदार जीवन शैली जी रहा था और वह अमृतधारी सिख नहीं था। अमृतधारी सिख नहीं होने की वजह से उसने कनाडा में आराम की जिंदगी जी है। वह शादीशुदा होने के बाद भी कई लड़कियों से बातें करता था और संबंध बनाता था।
थाईलैंड भी गया था अमृतपाल
एजेंसियों की मानें तो अमृतपाल थाईलैंड भी गया था। जांच एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि सिंह ने कई बार थाईलैंड का दौरा क्यों किया। इसकी भी जांच की जा रही है कि क्या वह महिलाओ के साथ किसी गलत काम में लिप्त था या उसकी थाईलैंड में उसकी प्रेमिका थी। इस बात की भी जांच की जा रही है की कहीं वह थाईलैंड में दूसरी पत्नी का पालन-पोषण तो नहीं कर रहा था?
वारिस पंजाब दे में नहीं मिली महिलाओं को जगह
वारिस पंजाब दे पार्टी को एक्टर दीप सिद्धू ने खड़ा किया था। उनकी मौत के बाद इस पार्टी की कमान अमृतपाल सिंह के हाथों में आ गई। इस संगठन ने महिलाओं को कभी कोई प्रमुख भूमिका नहीं दी। स्वर्गीय दीप सिद्धू की प्रेमिका रीना रॉय को दीप सिद्धू के साथ अमृतपाल के संबंध के बारे में खुलकर बात करने की अनुमति नहीं थी।
वहीं अमृतपाल सिंह की पत्नी को प्रताड़ित किए जाने के मामले पर भी जांच की जा रही है। उसकी पत्नी किरणदीप कौर को बंधक बनाकर रखा गया और आए दिन उसके साथ मारपीट की जाती थी।
क्या महिलाओं का इस्तेमाल कर रहा था अमृतपाल?
अमृतपाल सिंह ने अपनी शादी को रिवर्स माइग्रेशन का उदाहरण बताते हुए कहा कि वह पंजाब में रहेंगे। जांच एजेंसियां अमृतपाल सिंह के संगठन के आधार पर भी सवाल उठा रही हैं कि उसके संगठन में किसी महिला को जगह क्यों नहीं दी गई। इसके अलावा अमृतपाल और कई महिलाओं के साथ की गई चैट भी सामने आ गई है जिससे उसके चरित्र पर सवाल उठ रहे हैं।
जांच एजेंसियां जवाब मांग रही हैं कि अगर यह वास्तव में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई थी तो कोई महिला आगे क्यों नहीं थी। किसी भी परिवार की महिलाएं व्यापक रूप से फैली नशीली दवाओं के खतरे की सबसे बड़ी पीड़ित हैं, लेकिन फिर भी इस मामले में कोई महिला सामने नहीं आई। यह दर्शाता है कि यह ड्रग्स के खिलाफ वास्तविक लड़ाई नहीं है, बल्कि खुफिया रिपोर्ट के अनुसार केवल एक दिखावा है।
दुबई के ड्रग डीलर से है अमृतपाल की दोस्ती
खालिस्तान की मांग करने वाले अमृतपाल ने भले ही पंजाब में बड़ी संख्या में अपनी समर्थक बना लिए हों, लेकिन वह कभी अपने अतीत की बात नहीं करता। जांच एजेंसियों का मानना है कि अमृतपाल उस समय की बात नहीं करता जब वह विदेश में रहता था, क्योंकि अगर असलियत सामने आ जाएगी तो लोग उस पर विश्वास नहीं करेंगे।
एजेंसियों ने दावा किया है कि अमृतपाल दुबई में ड्रग डीलरों जसवंत सिंह रोडे के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ था, जिसका भाई पाकिस्तान से काम कर रहा है। अमृतपाल दोहरी जिंदगी जी रहा था, एक वो जिंदगी जो वह विदेश में जी रहा था और दूसरी वारिस पंजाब दे के प्रमुख के रूप में। विदेश में उसने अय्याशी की और अब पंजाब में युवाओं को बरगला कर अलग देश बनाने की मांग कर रहा है।