- क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ इंटरनल विजिलेंस (Internal Vigilance- आईवी) जांच शुरू हो गई है। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau- एनसीबी) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल और एजेंसी के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ज्ञानेश्वर सिंह (Chief Vigilance Officer Dnyaneshwar Singh) का कहना है कि वे समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के खिलाफ खुद जांच की निगरानी कर रहे हैं।
एजेंसी के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ज्ञानेश्वर सिंह से सवाल किया गया कि क्या समीर वानखेड़े अपने पद पर बने रहेंगें? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है, इस पर टिप्पणी करना अभी जल्द बाजी होगी। स्वतंत्र गवाह ने एफिडेविट के माध्यम से सोशल मीडिया पर कुछ तथ्यों को साझा किया था।
तथ्यों के आधार पर उसका संज्ञान लेते हुए महानिदेशक एनसीबी ने विजिलेंस को इंक्वायरी मार्क की है। आज जांच के आदेश हुए हैं, तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर निर्यण होगा। वहीं, क्रूज ड्रग्स केस में समीर वानखेड़े आज स्पेशल एनडीपीएस अदालत में पेश हुए और एफिडेविट दाखिल किया। समीर वानखेड़े यह भी कहा कि उनकी बहन और स्वर्गवासी मां को भी टारगेट किया जा रहा है। समीर वानखेड़े ने कहा है कि वे जांच के लिए तैयार है। केस को कमजोर करने के लिए सब कुछ किया जा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते रविवार को एनसीबी की मुंबई इकाई के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है। समीर ने पत्र के माध्यम से मुंबई पुलिस आयुक्त से अपील की थी कि सुनिश्चित करें कि उन्हें फंसाने के लिए गलत उद्देश्यों के साथ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए। उन्होंने मुंबई पुलिस से झूठे आरोपों पर कार्रवाई से सुरक्षा मांगी थी। समीर वानखेड़े ने अपने पत्र में लिखा यह भी लिखा था कि यह मेरे संज्ञान में आया है कि कथित सतर्कता संबंधी मुद्दे के संबंध में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मुझे झूठा फंसाने के लिए कुछ कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।