सम्पादकीय

तालिबानके बढ़ते वर्चस्वसे खतरा

तारकेश्वर मिश्र       तालिबानने एक भारतीय फोटोग्राफरकी हत्या कर दी। इस खबरसे पूरे मीडिया जगतमें शोककी लहर है। अपने इस्लामिक शासनकी स्थापनाकी वैधताके लिए तालिबानके प्रतिनिधि कुछ प्रमुख क्षेत्रीय शक्तियोंके साथ वार्ता भी कर रहे हैं। हालांकि अब पहलेवाला तालिबान नहीं रह गया है, अपने प्रभाव क्षेत्र और इस्लामिक गौरवकी पुन: बहालीके लिए वह हठधर्मिता छोड़कर […]

सम्पादकीय

प्रकृतिका बिगड़ता मिजाज

ऋतुपर्ण दवे      प्रकृति और मनुष्यके बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। नतीजा सामने है, गर्मियोंमें बरसात, बरसातमें गर्मी और ठण्डमें पसीनेके अहसासके बावजूद हमारा नहीं चेतना एक बड़ी लापरवाही, बल्कि आपदाको खुद न्यौता देने जैसा है। सच तो यह है कि प्रकृतिकी अपनी प्राकृतिक वातानुकूलन प्रणाली है जो बुरी तरहसे प्रभावित हो चुकी है, नतीजा […]

सम्पादकीय

लोकतंत्रके लिए घातक धनबल

आनन्द शुक्ल उत्तर प्रदेशके हालके क्षेत्र एवं जिला पंचायत अध्यक्षोंके चुनावमें सत्तारूढ़ दल भाजपा अपने प्रतिनिधियोंकी कम संख्याके बावजूद जिला पंचायत अध्यक्षोंकी कुल ७५ सीटोंमें ६७ पर एवं क्षेत्र पंचायत अध्यक्षोंकी कुल ८२६ सीटोंमें ६२६ सीटें जीतनेमें कामयाब रही। गौर करनेकी बात है कि पंचायत चुनावमें सर्वाधिक प्रतिनिधि समाजवादी पार्टीके चुनकर आये थे, लेकिन जिला […]

सम्पादकीय

शिव तत्वकी जागृति

श्रीश्री रवि शंकर शिव कोई व्यक्ति या शरीर नहीं है। शिव शाश्वत तत्व है, जो सब तत्वोंका सार है। यह वह मूल तत्व है, जिससे प्रत्येककी उत्पत्ति एवं पालन होता है और इसीमें विलीन हो जाता है। इस अति सूक्ष्म एवं अप्रत्यक्ष तत्वको कोई कैसे समझा सकता है। नटराज अथवा ब्रह्मïांडके नर्तकके रूपमें इस शिव […]

सम्पादकीय

संसदका मानसून सत्र

कोरोना की तीसरी लहरकी आहटके बीच संसदका मानसून सत्र आज सोमवार से प्रारम्भ हो रहा है, जिसके १३ अगस्त तक चलनेकी सम्भावना है। इस छोटे सत्रमें अधिकसे अधिक काम करनेकी सरकारकी पूरी कोशिश रहेगी। इसमें सफलता इस बातपर निर्भर है कि विपक्षका सदनके अन्दर कैसा रवैया रहता है। मानसून सत्रके सुचारु संचालनके लिए प्रधान मंत्री […]

सम्पादकीय

जनसंख्या नीतिका औचित्यहीन विरोध

अवधेश कुमार    नयी जनसंख्या नीति पर सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान कि पहले नेता-मंत्री और विधायक बताएं कि उनके कितने बच्चे हैं और उनमें कितने अवैध हैं । इस तरह की उदंड प्रतिक्रियाओं की ऐसे वरिष्ठ नेतासे उम्मीद नहीं की जा सकती। सपा सांसद सफीकुर्रहमान बर्क यदि कह रहे […]

सम्पादकीय

नेपालमें सत्ता परिवर्तन

डा. गौरीशंकर राजहंस नेपालमें राजनीति पल पलमें बदल रही है। अभी अभी नेपालके सुप्रीम कोर्टने वहां के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओलीको बर्खाश्त कर दिया है और यह आदेश दिया है कि देउबा को फि रसे नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए। देउबा पहले भी नेपालके प्रधानमंत्री रह चुके हैं और देशमें लोकप्रिय हैं। शेर […]

सम्पादकीय

जनसंख्या घनत्वसे उपजेगी नकारात्मकता

 डा. प्रदीप कुमार सिंह मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनोंका दोहन, संसाधनों के लिए बढ़ता संघर्ष व अन्य प्राणियों के लिए बढ़ती संवेदनहीनता, आदि पर्यावरण के लिए खतरा बन चुके है। पौराणिक इतिहास में उल्लेख है कि जब-जब ऐसा हुआ, पृथ्वीने गाय का रूप धारण कर ब्रह्मा, विष्णु, महेशके समक्ष अपनी पीड़ा प्रस्तुत करते हुए उनसे हस्तक्षेप […]

सम्पादकीय

भक्तिका अर्थ

बाबा हरदेव आप जब अलग-अलग तरह के विचारों और भावनाओं से गुजरते हैं, तो आपकी सांस की बनावट अलग-अलग तरह की होती है। जब क्रोधित होते हैं तो अलग तरीके से सांस लेते हैं। शांत होनेपर दूसरे तरीके से सांस लेते हैं। बहुत खुश होते हैं तो दूसरे तरीकेसे सांस लेते हैं। अगर आप दुखी […]

सम्पादकीय

पाकिस्तानकी घेराबंदी

अपनी नापाक हरकतों और कुटिल चालोंके लिए चर्चित भारतके लिए चुनौती बने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन अपनी ही फैलाये जालमें फंसकर विश्वमंच पर अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। एक ओर जहां भारत और अफगानिस्तानने पाकिस्तानकी घेराबंदी शुरू कर दी है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने चीनकी चुनौतियोंसे निबटनेके लिए कानून बना दिया है। उज्बेकिस्तानकी […]