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B1.617.2 स्ट्रेन पर भी कारगर है वैक्सीन, स्टडी में दावा- अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम


  • कोरोना के अलग-अलग म्यूटेंट के खतरे के बीच एक राहत की खबर सामने आई है. वैक्सीन का असर कोरोना के अलग-अलग म्यूटेंट पर होता है, वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई मरीज़ कोविड पॉजिटिव भी होता है तो अस्पताल जाने या आईसीयू तक जाने की संभावना काफी कम है. दिल्ली के अपोलो अस्पताल द्वारा वैक्सीन को लेकर एक स्टडी की गई है, जिसमें ये दावा किया गया है.

अपोलो अस्पताल ने 69 हेल्थकेयर वर्कर पर ये स्टडी की, जो वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोविड की चपेट में आ गए थे. कुल केस में से 48 फीसदी मामलों में B1.617.2 का वैरिएंट मिला. स्टडी में पाया गया है कि वैक्सीनेशन से किसी भी व्यक्ति को गंभीर खतरा काफी कम होता है, जो ये सिद्ध करता है कि वैक्सीन हर मोर्चे पर काम कर रही है. अपोलो अस्पताल द्वारा की गई स्टडी में दावा किया गया है कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है, उनमें से सिर्फ 0.06 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्हें फिर से वायरस हुआ है. इनमें भी अस्पताल जाने का चांस काफी कम रहता है, यानी वैक्सीन आपको वायरस से लड़ने की ताकत देती है.

कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट पर कारगर वैक्सीन
अपोलो अस्पताल द्वारा जारी की गई स्टडी में दावा किया गया है कि B1.617.2 स्ट्रेन जो भारत में तबाही मचा रहा है, उसपर भी वैक्सीन काम कर रही है. क्योंकि इस स्ट्रेन की चपेट में आने वाले लोगों को भी अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत ना के बराबर पड़ी है. इसी स्ट्रेन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता का विषय बताया था. ऐसे में अब स्टडी के आधार पर अपील की गई है कि लोगों को बेझिझक वैक्सीन लगवानी चाहिए.