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Bandipora : इस बेटी के आंसू पोछने कब आएंगे मानवाधिकार के झंडाबरदार,


  • श्रीनगर, : बांडीपोरा में शुक्रवार को आतंकियों द्वारा दागी गई गोलियों के शांत होते ही साथ सटे सोपोर के शाहवली डांगरपोरा में एक घर में कोहराम मच गया। बरसों से बिस्तर पर पड़े गुलाम नबी डार को समझ में नहीं आ रहा था कि वह छाती पीट रही अपनी बहू को कैसे हिम्मत बंधाए। पोती की आंख के आंसू पोंछे या बेटे के जनाजे की तैयारी करे। उसका बेटा मो`हम्मद सुल्तान बांडीपोरा में शुक्रवार शाम हुए आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुआ है। वह घर में एकमात्र कमाने वाला था। इस हमले में जम्मू कश्मीर पुलिस के दो जवान मोहम्मद सुल्तान और फैयाज अहमद वीरगति को प्राप्त हुए हैं।

न बेटियों के आंसू थम रहे हैं न पत्‍नी का क्रंदन पर इसकी आवाज न सियासतदानों के कानों तक नहीं पहुंची और न मानवाधिकारों के झंडाबरदारों के। यही वजह है कोई परिवार को ढाढस बंधाने नहीं पहुंचा। इंटरनेट मीडिया पर एक यूजर ने पूछा कि आतंकियों के परिवार से हमदर्दी जताने वाले क्‍या इस बेटी के आंसू पोछने भी आएंगे।