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Bathinda : चार दिन बाद भी नहीं मिली कोई सफलता, अब टेक्निकल तरीके से की जा रही मामले की जांच


बठिंडा, । बठिंडा सैन्य छावनी में 80 मीडियम रेजिमेंट के चार जवानों की हत्या के मामले को सुलझाने के लिए पुलिस और सेना विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है। पुलिस ने घटनास्थल को जाने वाले सभी रास्तों और सेना छावनी के गेटों पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाले में जुटी हुई है। वहीं पुलिस की कुछ टीमों इस घटना की टेक्निकल जांच भी कर रही है, ताकि हमलावरों के बारे में कोई ठोस सबूत मिल सके।

हमलावरों को कोई सुराग नहीं लगा

सूत्रों की माने तो पुलिस विभाग की तरफ से बठिंडा कैंट के सीसीटीवी कैमरों की चेक की गई फुटेज में कोई संदिग्ध व्यक्ति कैंट में दाखिल होने का मामला सामने नहीं आया है। इसके चलते पुलिस अब यही मानकर चल रही कि इस वारदात को बठिंडा कैंट के अंदर रहने वाले लोगों में से ही किसी ने अंजाम दिया है, इसलिए पुलिस व सेना अब कैंट के अंदर ही पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है। बेशक घटना के चार दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक हमलावरों को कोई सुराग नहीं लगा है, लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।

मरने वालों का नहीं हुआ था किसी से कोई झगड़ा

वही सेना के सिविलियन व एमईएस विगों में तैनात कर्मियों का डाटा भी जुटाया जा रहा है। सेना के अधिकारी इस मामले को आपसी रंजिश मानकर भी जांच कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक जवानों के साथ ड्यूटी करने वाले जवानों से भी पूछताछ की जा रही है। मिलिट्री पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मरने वाले जवानों का हाल-फिलहाल किसी से झगड़ा तो नहीं हुआ था। वहीं यह भी देखा जा रहा है कि उनकी किसी से रंजिश तो नहीं थी।

इंसास राइफल से गोलियां मारी गई

मिलिट्री पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि वारदात से 2 दिन पहले गायब हुई इंसास राइफल कौन ले गया। यह बात इसलिए अहम है, क्योंकि सेना के अधिकारी ने शक जताया कि 4 जवानों की हत्या में इसी इंसास राइफल का इस्तेमाल हो सकता है। शुरुआती जांच में पता चला कि जवानों को इंसास राइफल से गोलियां मारी गई। पुलिस को मौके से इसके 19 खाली खोल बरामद हुए। गोली मारने वाले 2 लोग सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर आए थे और मुंह ढका हुआ था।

गुरपतवंत पन्नू ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी ली

वहीं दूसरी तरफ इस मामले में अब आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी ली है। आतंकी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा कि पंजाब को अलग देश खालिस्तान बनाया जाए, वर्ना ऐसे हमले आगे भी होते रहेंगे। उसने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी चेतावनी जारी की है। इसके बाद आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स ने भी बठिंडा आर्मी कैंप पर हुए हमले की जिम्मेदारी ले ली है।

खालिस्तान टाइगर फोर्स के अजीत सिंह ने लेटर-पैड पर चिट्ठी जारी कर कहा कि भारतीय फौज सिखों के कत्लेआम की जिम्मेदार है। 1984 को गोल्डन टेंपल पर भी भारतीय फौज ने ही हमला किया। इस हमले से उसका बदला लिया गया है। फिलहाल पुलिस इनके दावों की जांच कर रही है।

पुलिस की विभिन्न टीमों अलग-अलग एंगल से जांच कर रही

एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने कहा कि बठिंडा कैंट मामले की पुलिस की विभिन्न टीमों अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। इस मामले में फिजिकल के अलावा टेक्निकल तरीके से भी जांच की जा रही है। जल्द ही इस मामले में सुलझा लिया जाएगा और जवानों की हत्या करने वालों को पकड़ लिया जाएगा। रही बात सिख फार जस्टिस व खालिस्तान टाइगर फोर्स की तरफ से उक्त हमला करवाने की जिम्मेवारी लेना पूरी तरह से झूठ व गलत है। यह कोई आतंकी हमला नहीं है।