जहानाबाद: गरीब संपर्क यात्रा पर निकले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को राज्य के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पढ़ने-लिखने को लेकर उन पर तंज कसा। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) (सेक्युलर) के संरक्षक मांझी ने जहानाबाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरा बेटा संतोष सुमन बिहार का मुख्यमंत्री बनने के योग्य है क्योंकि वह पढ़ सकता है और दूसरों को पढ़ा भी सकता है।
जीतन राम मांझी इन दिनों गरीब संपर्क यात्रा पर हैं और लगातार बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं। इससे पहले यात्रा के दौरान उन्होंने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए और गुरुवार को उनके निशाने पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रहे।
‘जिनका नाम आता है मेरा बेटा उनको पढ़ा भी सकता है’
जहानाबाद में गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए अपने बेटे संतोष सुमन को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा, “संतोष का नाम इसलिए लेते हैं क्योंकि वह युवा है, पढ़ा-लिखा है और जिन बहुत से लोगों का नाम मुख्यमंत्री बनने के लिए आता है उन्हें भी पढ़ा सकता है। संतोष को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि संतोष केवल भुइया जाति से आते हैं, बल्कि वह एक प्रोफेसर भी हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गरीबों में दलितों की आबादी 90 फीसदी है, इसीलिए हम संतोष को उन लोगों का मुख्यमंत्री और प्रतिनिधि बनने के योग्य मानते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग बिहार का मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं, और उनके बेटे संतोष उन्हें पढ़ना सिखा सकते हैं।
तेजस्वी यादव के भाषण की तरफ था इशारा
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी का यह बयान जुलाई 2022 के तेजस्वी यादव के भाषण के संदर्भ में देखा जा रहा है जब बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी और सीएम नीतीश के साथ मंच पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। समारोह में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक लिखित भाषण पढ़ने के दौरान कई बार फंसे थे। वे कई शब्द ठीक से नहीं पढ़ पाए थे। समारोह में तेजस्वी को भाषण के लिए चार मिनट का समय मिला था जिसमें उन्होंने छह बार गलतियां की थीं।
भाषण की शुरुआत में ही तेजस्वी ने बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष की बजाय बिहार विधान भवन कहा। हालांकि, बाद में तेजस्वी ने इसे ठीक कर लिया। लेकिन पूरे भाषण के दौरान वे कई शब्दों को बोलने में लड़खड़ाते नजर आए।
संतोष सुमन ने CM बनने की इच्छा से किया इनकार
दूसरी ओर, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन, जो बिहार विधान परिषद के सदस्य और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री भी हैं, ने मुख्यमंत्री बनने की ऐसी किसी भी इच्छा से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं बिहार के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। मैं जनता का प्यार और सम्मान पाने के लिए और अधिक ऊर्जा के साथ काम करता रहूंगा।”
अरवल में गरीब संपर्क यात्रा में जुटी भीड़ और जनसभा को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और मंत्री संतोष कुमार मांझी। फोटो- जागरण
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी गरीब संपर्क यात्रा के दौरान गुरुवार को अरवल पहुंचे और जिले में अलग-अलग जगहों पर लोगों से मुलाकात की और महादलित टोला में नुक्कड़ सभा की। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने बेटे संतोष सुमन को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। अरवल प्रखंड परिसर में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस सरकार में दलितों और गरीबों की उपेक्षा की गई है। इस सरकार में गरीबों का उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था।