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Bihar: लालू की बात मान गए जगदानंद सिंह, बने रहेंगे प्रदेश अध्यक्ष


पटना: प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर राजद का संशय गुरुवार को समाप्त हो गया। निर्वाचित अध्यक्ष जगदानंद अपने पद पर बने रहेंगे। उनके उत्तराधिकारी बताए जा रहे पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी को राजद का नया राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित चार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया है।

लालू की बात मान गए जगदानंद सिंह

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नाराज जगदानंद को कामकाज संभालने के लिए राजी कर लिया है। वे जल्द ही कार्यालय में नजर आएंगे। लालू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी घोषणा कर दी। यह पहले बताया गया था कि किडनी प्रत्यारोपण के लिए सिंगापुर जाने से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर देंगे।

राबड़ी, शिवानंद, देवेंद्र और उदय बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

सिद्दीकी को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाए जाने के साथ ही यह कयास समाप्त हो गया कि वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।

 जयप्रकाश, कांति, श्याम और भोला बने महासचिव

विधान परिषद सदस्य सुनील कुमार सिंह प्रदेश राजद के अलावा राष्ट्रीय पार्टी के भी कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, कांति सिंह, श्याम रजक, भोला यादव, शुकदेव पासवान, सुशील मोराले और बीनू यादव को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। मोराले और बीनू पूर्व मंत्री शरद यादव के करीबी हैं। इन दोनों को उन्हीं की अनुशंसा पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है। पूर्व सांसद घूरन राम, जसवंत कुमार, संजीता कुमारी, भरत बिंद, डा. रत्नाकर एवं भारत भूषण मंडल सहित 12 राष्ट्रीय सचिव बनाए गए हैं। विधायकों, विधान परिषद सदस्यों एवं सांसदों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पदेन सदस्य बनाया गया है। राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी इस समिति में शामिल किए गए हैं।

जगदानंद जल्द आएंगे कार्यालय

दो अक्टूबर को नाराज होकर प्रदेश राजद कार्यालय छोड़ कर गए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद जल्द ही सामान्य दिनों की तरह कामकाज करते नजर आएंगे। पिछले दो दिनों से वे दिल्ली में हैं। लालू प्रसाद से उनकी कई बार बातचीत हुई। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन में उनकी भी राय ली गई। जगदानंद अपने पुत्र सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री पद के इस्तीफा देने के समय से ही नाराज चल रहे हैं। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि जगदानंद ने अपने पद से कभी इस्तीफा नहीं दिया था। वे स्वास्थ्य कारणों से कार्यालय नहीं आ रहे थे।