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Birbhum violence: भादू शेख हत्याकांड की जांच पर अपने रुख से सात को हाई कोर्ट को अवगत कराएगी सीबीआइ


कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा कि वह इस मुद्दे पर अपने रुख से सात अप्रैल को सुनवाई के दौरान अवगत कराएगी कि क्या भादू शेख की हत्या मामले की जांच एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए या नहीं, जिसके कारण बीरभूम जिले के रामपुरहाट क्षेत्र के बोगटूई में 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। सीबीआइ सात अप्रैल को अपनी जांच की प्रगति रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने वाली है।

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने तृणमूल कांग्रेस के उप पंचायत प्रमुख की हत्या की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का राज्य पुलिस को निर्देश देने के अनुरोध वाली अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीबीआइ से उसका रुख पूछा था। सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने कहा कि मामले में जांच चल रही है और वह सात अप्रैल को इस पहलू पर प्रकाश डाल सकती है, जब वह पीठ के समक्ष प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाली है।

याचिकाकर्ता ने बोगटूई नरसंहार को भादू शेख की हत्या का प्रतिशोध बताते हुए अनुरोध किया कि तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या की जांच राज्य पुलिस से सीबीआइ को पूर्ण जांच के लिए सौंपी जाए। पीठ ने 25 मार्च को आदेश दिया था कि बीरभूम जिले के बोगटूई में 21 मार्च को हुई हिंसा की जांच बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल से सीबीआइ को सौंपी जाए।

बीरभूम के बोगटूई में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या की घटना की सीबीआइ जांच की मांग की याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई । याचिकाकर्ता का कहना है कि भादू शेख की हत्या की जांच अभी भी राज्य पुलिस के हाथ में है। पुलिस हत्या के गवाहों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में उसका असर बोगटूई में हुए नरसंहार की घटना की सीबीआइ जांच पर पड़ सकता है। इसके अलावा टीएमसी नेता की हत्या की घटना की निष्पक्ष जांच जरूरी है अन्यथा बोगटूई में हुए नरसंहार का संपूर्ण सत्य प्रकट नहीं हो सकता।