भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बलों को यदि उचित लगता तो जिले में चुनाव में धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकने के लिए वे गोली मारकर चार से अधिक लोगों की भी जान ले सकते थे। इस विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग ने राहुल सिन्हा पर 48 घंटे का बैन लगाया है। यह प्रतिबंध आज दोपहर 12 बजे से लागू हो गया है और 15 अप्रैल को 12 बजे दोपहर तक ही लागू रहेगा।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के लिए उनके 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कूच बिहार जैसी और घटनाओं की पुनरावृत्ति की चेतावनी देकर विवाद खड़ा कर दिया था।
घोष ने रविवार को कहा था कि अगर ”सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह” किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो विधानसभा चुनावों के अगले चरण में भी कूच बिहार की तरह हत्याएं हो सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह भाजपा के उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जिन्होंने कूच बिहार गोलीबारी घटना पर कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी की जिसमें ”चार निहत्थे नागरिकों” की जान चली गई थी।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब को लिखे पत्र में टीमएसी ने कहा कि भाजपा नेता दिलीप घोष सहित भाजपा के कई नेता कूच बिहार जैसी और घटनाओं की चेतावनी देकर हिंसा ”भड़का” रहे हैं। शनिवार को विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के बीच कूच बिहार के सीतलकूची में स्थानीय लोगों के कथित हमले के बाद सीआईएसएफ जवानों द्वारा की गई गोलीबारी में चार व्यक्ति मारे गए थे। आरोप है कि भीड़ में शामिल लोगों ने सीआईएसएफ जवानों से ”उनकी राइफलें छीनने का प्रयास किया।”
पहली घटना का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया, ”11 अप्रैल 2021 को बारानगर में एक रैली में दिलीप घोष ने कहा कि लोगों ने देखा है कि सीतलकूची में क्या हुआ और चेतावनी दी कि अगर किसी ने सीमा लांघी तो सीतलकूची की घटना दोहराई जाएगी। एक आधिकारिक शिकायत सीईओ को पहले ही दी जा चुकी है।”