मुंबई, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने सोमवार को कहा कि देश को बचाने के लिए भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वाशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने का समय आ गया है। शिवसेना गुट ने विपक्षी नेताओं द्वारा पीएम मोदी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए यह बात कही।
विपक्ष को परेशान करना सही नहीं- सामना
अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि विपक्ष को परेशान करना और सत्ता में रहना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सीएम ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव सहित नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएम मोदी को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा है। इन पर महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन के खिलाफ खड़े होने का आया समय’
सामना में कहा कि अब भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने और देश को बचाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा वाशिंग मशीन का उपयोग अक्सर शिवसेना (यूबीटी) नेताओं को टारगेट करने के लिए भाजपा द्वारा किया जाता है।
विपक्षी दलों ने उठाए केंद्र सरकार पर सवाल
बता दें कि इस पत्र में 2014 के बाद से विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में वृद्धि पर जोर दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि जब से भाजपा देश में सत्ता में आई है। तब से भाजपा में शामिल होने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। संपादकीय में कहा गया है कि ऐसे ज्यादातर मामले झूठे हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि देश मोदी सरकार के शासन में अभूतपूर्व अराजकता को देख रहा है।
भाजपा के सामने लाचार है चुनाव आयोग- सामना
सामना में आगे कहा गया है कि सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। यह अल कायदा और तालिबान की तुलना में अधिक खतरनाक है। भारत का चुनाव आयोग भाजपा के सामने लाचार है, यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी भावी नियुक्तियों के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया है। संपादकीय में आगे कहा गया है कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है कि विपक्ष को परेशान किया जाए।