इंफाल। मणिपुर में हिंसा पर समीक्षा बैठक करने के बाद आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो समुदायों के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई।
न्यायिक आयोग के साथ CBI करेगी जांच
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया है। मणिपुर के राज्यपाल नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक शांति समिति का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी के साथ सीबीआई भी कुछ मामलों की जांच करेगी।
शाह ने कहा, पिछले 1 महीने में मणिपुर में कुछ हिंसक घटनाएं सामने आई हैं, मैं उन सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने हिंसा में अपने प्रियजनों को खोया है। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 3 दिनों में इंफाल, मोरेह और चुराचांदपुर सहित मणिपुर में कई जगहों का दौरा किया है और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं।
मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 10 लाख रुपये
शाह ने इसी के साथ एलान किया कि मणिपुर सरकार डीबीटी के माध्यम से मृतक पीड़ितों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी डीबीटी के माध्यम से मृतक पीड़ितों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी।
6 घटनाओं की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच
शाह ने कहा कि हिंसक घटनाओं की जांच के लिए मणिपुर में कई एजेंसियां काम कर रही हैं। साजिश की ओर इशारा करने वाली हिंसा की 6 घटनाओं की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच होगी। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि जांच निष्पक्ष हो और दोषियों को दंडित किया जाएगा।