शैक्षणिक वर्ष के बीच में पेपर पैटर्न ऑब्जेक्टिव से सब्जेक्टिव में बदल गया है और इस बात पर काफी छात्र और शिक्षक शिकायत कर रहे थे। सबसे बड़ी चिंता यह थी कि बिना ऑफलाइन कक्षाओं के छात्र लंबे सब्जेक्टिव प्रश्नों को लिखने का अभ्यास कैसे करेंगे। छात्रों की मूल बातें ऐसे स्तर पर नहीं हैं, जिससे वे बोर्ड परीक्षा में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकें।
इसे ध्यान में रखते हुए, आवश्यक स्व-मूल्यांकन चार्ट (Self Evaluation Chart) उपलब्ध कराया गया है, जो साथ में एक्स्ट्रा सैंपल पेपर्स के साथ डाला गया है। यह चार्ट आमतौर पर CBSE पेपर चेकर्स को दिया जाता है, जिससे वे यह तय करते हैं कि प्रत्येक व्यक्तिपरक प्रश्न में कितने अंक दिए जाने चाहिए। नीचे एक स्क्रीनशॉट देखें:
श्रेष्ठ उत्तर लिखना सीखने के लिए Maths Standard के लिए स्व-मूल्यांकन चार्ट का उदाहरण
अब, छात्र अतिरिक्त सैंपल पेपर्स का अभ्यास कर सकते हैं (CBSE टर्म 2 सैंपल पेपर के आधार पर) और फिर इन चार्ट्स का उपयोग करके अपनी कमियों का मूल्यांकन कर सकते हैं। इससे कमजोर छात्रों को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे ऐसे उत्तर लिखने में कहां चूक रहे हैं जिनसे उन्हें पुरे अंक मिलें।
प्रत्येक विषय के लिए 10 अतिरिक्त सैंपल पेपर्स (Sample Papers) भी उपलब्ध कराये गए हैं और उनमें से तीन पेपर के साथ ये चार्ट्स उपलब्ध कराये गए हैं।