- कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) से बचने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को बड़ी आर्थिक मदद करने की घोषणा की थी. मोदी सरकार ने नए केन्द्रीय मंत्रियों के साथ पहली कैबिनेट की बैठक में ही इस बात का ऐलान किया था. इंडिया कोविड 19 इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रीपेडनेस पैकैज के तहत 22 जुलाई को पहली किस्त राज्यों को भेजी जा चुकी है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों को मुताबिक 15 अगस्त तक इस पैकेज की दूसरी किस्त भी राज्यों को भेजी जाएगी. मनसुख मांडविया ने कहा था कि 23 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है, जिससे कि इस महामारी से निपटने के लिए अवसंरचना और आवश्यक संसाधन जुटाए जा सकें. राज्यों से योजनाएं इस संबंध में मांगी गई हैं.
ममता बैनर्जी ने उठाए थे सवाल
कोविड में सबसे कारगर हथियार माने जाcooने वाली वैक्सीन और केंद्र से मिलने वाली सहायता को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और कई सवाल भी उठाए थे. ममता ने केन्द्र सरकार से कस्मट ड्यूटी और जीएसटी में छूट की मांग की थी.
गुजरात से अधिक पश्चिम बंगाल को
केंद्र सरकार की ओर से आवंटित राशी की बात करें तो गुजरात से अधिक पश्चिम बंगाल को कोविड सहायता राशि भेजी गयी है. आंकड़ों के अनुसार गुजरात को पहली किस्त के तौर पर कुल राशी 479.22 करोड़ रुपया दिया जाना है जिसमें पहली किस्त के तौर पर अभी तक 71.88 करोड़ दिया जा चुका है. वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की बात करें तो केन्द्र की ओर से 604.76 करोड़ दिया जाना है जिसमें कि 90.71 करोड़ दिया गया है.
किसी राज्य से कोई भेद-भाव नहीं
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्यों को इंडिया कोविड 19 इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रीपेडनेस पैकैज राशी को लेकर कई तरह के आधार को ध्यान में रखकर राज्यों को रकम दी गयी है. मसलन उस राज्य की जनसंख्या कितनी है, प्रति व्यक्ति जनसंख्या घनत्व, राज्य का क्षेत्रफल औऱ भी कई पैमानों को ध्यान में रखकर दिया गया है.