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Covid-19: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का फरमान,


  • हाल ही में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देष जारी किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों के सैम्पल भेजे जाएं जिससे कि जिनोम सिक्वेंसिंग किया जा सके. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार द इंडियन सार्स – कोविड -2 जीनोम कन्स्टोरिय (INSACOG) से इस कार्य में तेजी लाने को भी कहा गया है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्यों को इस बात के लिए आगाह किया गया है कि संक्रमण की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सैम्पल को भेजा जाए. जिससे कोरोना के वेरिएँट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मुहैया हो सके. ऐसा भी देखा गया है कि किसी राज्य के महज कुछ ही जिलों से सैम्पल आ रहे है जबकि संक्रमण राज्य के कई इलाकों में फैला है. ऐसे में भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखना बेहद जरुरी है.

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर खास ध्यान

कोरोना संक्रमित मरजों में वेरिएँट आफ कन्सर्न और वेरिएँट आफ इन्ट्रेस्ट को अलग करना बेहद जरुरी है। द इंडियन सार्स – कोविड -2 जीनोम कन्स्टोरिय को इस बात की खास हिदायत दी गयी है कि विदेशों से आए यात्रियों में कौन सा वेरिएंट है यह जानना बेहत जरुरी है। किस यात्री में वेरिएँट चिंता का विषय है और किसी में केवल ध्यान देने की जरुरत है यह जानना बेहत जरुरी है। ऐसे देशों से आए लोगों पर खास ध्यान देने की जरुरत है.

क्यों जरुरी है जीनोम सिक्वेंसिंग

दरसल कोरोना संक्रमण के बीच कौन सा वेरिएँट कितना खतरनाक है इसकी जानकारी उस इलाके में फैले संक्रमित मरीजों के सैम्पल से ही पता चलता है. ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि किसी खास संक्रमित लोगों के बीच कौन सा वेरिएँट है. इससे यह भी पता चलता है कि इस वेरिएँट कितनी तेजी से फैल सकता है और साथ ही नया वेरिएँट मरीजों को कितना परेशान कर सकता है.