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Delhi : दिल्ली के सदर बाजार में करीब 2 लाख खरीदार आए नजर, ; कारोबारी चिंतित


नई दिल्ली, । दिवाली त्योहार में अभी एक सप्ताह का समय बचा है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बाजारों में अभी से लोग खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं। दिल्ली के सदर बाजार, करोल बाग, चांदनी और लाजपत नगर समेत सभी बाजारों में खूब भीड़ नजर आ रही है। इस बीच मंगलवार को दिल्ली के चांदनी चौक और इसके आसपास के बाजारों में 2 लाख से अधिक लोग दिखे। अकेले  इस बाजार में ही करीब 2 लाख लोग नजर आए। एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।  

सदर में भीड़ से चिंतित व्यापारी संगठन, एलजी से लगाई गुहार

इससे पहले सोमवार को सदर बाजार में एक समय में एक लाख लोगों से अधिक की मौजूदगी और पैदल चलने के लिए रास्ता नहीं मिलने पर इस बाजार के व्यापारी संगठन ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उसके अनुसार इसके कारण चोरी, छेड़छाड़ व जेब कटने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

अवैध कब्जे ने बढ़ाई परेशानी

फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि इस मामले में दिल्ली नगर निगम व दिल्ली पुलिस का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। इसके चलते मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के बाजारों की सड़कों और फुटपाथ पर 15 हजार से अधिक पटरी वालों का कब्जा हो गया है और पैदल चलने तक की जगह नहीं है।

बढ़ती भीड़ से चिंतित लोग

वीडियो अकेले कुतुब रोड की है। बाकी दूसरे मार्ग और अंदर गलियों की अनुमान लगा सकते हैं। यह भीड़ डराती भी है, क्योंकि इस मार्केट में एक बार दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट की सीरीज में आतंकी धमाका भी हो चुका है। वहीं, इस संबंध में स्थानीय व्यापारियों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है। साथ ही बाजार बंद करने की चेतावनी दी है।

आदेश और व्यवस्था दोनों गड़बड़

फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव के मुताबिक यहां की सड़कों से अतिक्रमण हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट तक से आदेश आ चुके हैं, लेकिन पटरी माफियाओं की पकड़ इतनी गहरी है कि यहां पर सारे आदेश और व्यवस्थाएं हवा है।

भीड़ के चलते चोर-जबरों की मौज

इस भीड़ में छेड़छाड़, जेब कटने और सामान चोरी की घटनाएं आम है। फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है दुकानदारों का आरोप है कि यहां सड़क को पर जितने भी बैरिकेट्स लगाए गए हैं वह पटरी वालों की हिफाजत के लिए है। उसी की आड़ में सभी सड़कों पर पटरी वालों ने कब्जा कर रखा है।

दो वर्ष बाद बढ़े खरीदार, व्यापारियों में उत्साह

कोरोना के कारण अब दो वर्ष बाद दिल्ली के छोटे-बड़े बाजारों में उत्साह का माहौल है। सदर बाजार, भागीरथ पैलेस, सरोजनी नगर, जनपथ, साउथ एक्स, करोलबाग, टैंक रोड, गांधी नगर व खारी बावली समेत राष्ट्रीय राजधानी के कई थोक व खुदरा बाजारों में पैर रखने तक की जगह नहीं है। बाजारों में दीपावली की खरीदारी तेज है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है। इससे दुकानदार काफी उत्साहित हैं। उनके अनुसार दो वर्ष बाद खरीदारों में यह सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है।

दिवाली से संबंधित उत्पादों की मांग 20 % बढ़ी

बिना किसी कोरोना प्रतिबंध के मनाने जा रहे रोशनी के इस पर्व में पिछले वर्ष की तुलना में दीपावली से संबंधित उत्पादों की 20 से 50 प्रतिशत तक मांग बढ़ी है। दिल्ली उत्तर भारत का प्रमुख कारोबारी हब भी है। यहां दिल्ली-एनसीआर के साथ ही विभिन्न राज्यों से भी खरीदार आते हैं। दीपावली पर खरीदारों की संख्या बढ़ जाती है। दीये, बिजली के झालर, क्राकरी, बर्तन, पर्दे, बंदनवार, ज्वेलरी, कंबल व घरों के लिए सजावटी सामान, पेंट, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स आइटम, होम एप्लायंस व स्मार्ट फोन सहित अन्य उत्पादों की मांग अधिक है।

तीज पर्व के साथ लौटे ग्राहक

दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन, चांदनी चौक के महासचिव श्रीभगवान बंसल के अनुसार कोरोना महामारी के चलते दो वर्ष कारोबार के लिहाज से अच्छे नहीं गए थे। इस वर्ष तीज के पर्व से ही कारोबार पटरी पर आना शुरू हो गया था। इसके बाद रक्षाबंधन व नवरात्र के साथ करवा चौथ में अच्छा कारोबार हुआ है। सूट के साथ साड़ी की मांग रही। अब कंबल, बेडशीट व चादर की भी मांग बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि यह मांग पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत से भी अधिक है। ज्वेलरी के प्रमुख बाजार दरीबा कलां के कारोबारियों के संगठन के महासचिव मनीष वर्मा के अनुसार मांग को देखते हुए व्यापारियों में अच्छी बिक्री का अनुमान है और इस लिहाज से तैयारी भी की गई है। इस बार दीपावली में पिछले वर्ष की तुलना में दो से तीन गुना अधिक बिक्री का अनुमान है।

 

दीपावली उत्सव पर बाजार में आएंगे 30 हजार करोड़ रुपये : कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दीपावली उत्सव में बाजार में 30 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि दीपावली की त्योहारी खरीद व अन्य सेवाओं के जरिये दिल्ली में 30 हजार करोड़ रुपये तो देश में ढाई करोड़ रुपये की तरलता आने का अनुमान है। धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है।