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Delhi :बाढ़ पर BJP और AAP में खींचतान भाजपा नेता बोले- बहानेबाजी कर रही है केजरीवाल सरकार


नई दिल्ली, । दिल्ली में यमुना का जलस्तर कम होने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच खींचतान शुरू हो गई है। अब दिल्ली प्रदेश भाजपा ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए दिल्ली सरकार पर बहानेबाजी करने का आरोप लगाया है। 

प्रेसवार्ता में भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि केंद्र सरकार जनता के साथ खड़ी है। दिल्लीवासियों को इस मुश्किल से निकालने के हरसंभव मदद करेंगे। दूसरी तरफ बहानेबाजी करने वाली अरविंद केजरीवाल की सरकार है। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उनके मंत्री एलजी से दोषारोपण करते हैं। एनडीआरएफ पर भी टिप्पणी की गई।

कोरोना संकट काल में भी केजरीवाल सरकार आक्सीजन, दवा व उपचार की व्यवस्था करने की जगह कहा है कि बिहार के लोगों से बिस्तरों की कमी हो गई। प्रदूषण की समस्या पर पंजाब की सरकार पर दोष मढ़ दिया। अब बाढ़ की स्थिति में उनकी सरकार और आप नेता राहत के लिए काम करने की बजाय यह षड़यंत्र होने का आरोप लगा रहे हैं। सेना व एनडीआरएफ लगातार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री बताएं क्यों नहीं साफ हुई गाद: भाजपा नेता

नौ वर्षों में 67सौ करोड़ रुपये खर्च हुए। गाद निकालने का काम सिंचाई विभाग का काम है, मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि यह काम क्यों नहीं हुआ। इसका कारण है कि वह शराब कारोबारियों के साथ व्यस्थ थे। अपने सरकारी आवास बनाने में व्यस्त थे। भाजपा पहले से गाद निकालने की मांग करती रही।

दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम आप के पास, फिर भी दूसरे पर दोषारोपण क्यों कर रहे हैं। कोरोना संकट हो या प्रदूषण की समस्या हो या बाढ़ की समस्या हर बार केंद्र सरकार ने दिल्लीवासियों की मदद की है।

ड्रेनेज का प्लान क्यों नहीं बनाया

साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी से बाढ़ आ गई। साल 2013 और 2011 में आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर भी बाढ़ क्यों नहीं आई। बाढ़ इसलिए आई है, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री की प्राथमिकता काम करने की जगह बहानेबाजी करना है।

कोरोना में अव्यवस्था के लिए बिहार की जनता, प्रदूषण की समस्या पर पूर्व की पंजाब व हरियाणा की सरकार और अब बाढ़ पर केंद्र व हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं। केजरीवाल को बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी क्या है।

13 जुलाई को बाढ़ का संकट आया तो पहली बार केजरीवाल अपने आवास से बाहर निकले। पहले क्यों नहीं बाहर आकर स्थितियों का आकलन क्यों नहीं किया। ड्रेनेज का गाद क्यों नहीं निकाला गया। प्रत्येक वर्ष 15 जून से पहले नालों की सफाई हो जानी चाहिए, लेकिन नहीं हुआ। इस बारे में दिल्ली सरकार के मंत्री चुप हैं।

गाद निकालना NDRF का काम नहीं

एनडीआरएफ का काम गाद निकालने का नहीं है। उसका कहना राहत व बचाव कार्य करना है जो एनडीआरएफ की टीम काम कर रही है। मुख्यमंत्री ट्वीट करके यह बता रहे हैं इंद्रप्रस्थ के पास नाले से पानी उल्टी दिशा की ओर आने के कारण आइटीओ में पानी भर रहा है। उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि नाले से गाद क्यों नहीं निकाली गई।

वहीं, सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल एक तरफ कहते हैं वह बाढ़ पर राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन वह केंद्र सरकार, हरियाणा और हथिनीकुंड बैराज पर आरोप लगाने रहते हैं।

केंद्र बिना मांगें हर संभव मदद कर रही है। एनडीआरएफ व सेना इस काम में लगी हुई है। यदि केंद्र सरकार मदद नहीं करती तो दिल्ली की स्थिति बहुत भयावह होती। सैन्य बलों पर आरोप लगाना उन्हें बदनाम करना केजरीवाल व उनकी पार्टी के नेताओं की पुरानी आदत है।