Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

Delhi: तिहाड़ जेल में ही रहेगा उमर खालिद, जमानत देने से किया इनकार


नई दिल्ली, । दिल्ली दंगा के साजिश रचने के मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद तिहाड़ जेल में ही रहेगा। मंगलवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने खालिद की जमानत याचिका पर निर्णय सुनाते हुए याचिका निरस्त कर दी। अदालत ने कहा कि मामले में जल्द ही विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा।

मामले में खाजिद व अभियोजन पक्ष की लंबी जिरह सुनने के बाद अदालत ने नौ सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। 24 मार्च को जमानत देने से इन्कार करने के कड़कड़डूमा कोर्ट के निर्णय को खालिद ने चुनौती दी है। खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में है।

UAPA मामले में किया गया था गिरफ्तार

उल्लेखनीय है कि खालिद फरवरी 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक बड़ी साजिश का आरोपित है। उस पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसे 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह हिरासत में है। खालिद ने मामले में 24 मार्च, 2020 के निचली अदालत के जमानत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी।

2 साल से पुलिस हिरासत में

इससे पहले अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया था कि उनका मुवक्किल पिछले 2 वर्षों से निराधार बयानों के आधार पर हिरासत में है। चार चार्जशीट दाखिल करने के बाद भी जांच जारी है। उधर, दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि उमर खालिद अगले दिन हिंसा शुरू होने से पहले 23 फरवरी को दिल्ली से चला गया था ताकि कोई उस पर शक न कर सके।

इससे पहले अमित प्रसाद ने तर्क दिया था कि उमर खालिद ने अमरावती में अपने भाषण में 24 फरवरी, 2020 को लोगों को चक्का जाम के लिए सड़क पर रहने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि यह अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दिखाने के लिए था कि सीएए मुसलमानों के लिए एक खतरनाक अधिनियम था। वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने तर्क दिया कि आरोप पत्र में कोई सामग्री नहीं है, आरोपों का कोई आधार नहीं है। यह अफवाह पर आधारित है।