फिर होगा खून-खराबा?
अत्यंत बेरहमी से हत्या किए जाने संबंधी जेल के दो सीसीटीवी फुटेज बाहर आने के बाद गैंगस्टरों में इसको लेकर गहरा रोष है। दोनों गैंगस्टरों के सहयोगी गैंगस्टरों के बीच बदला लेने के मकसद से राजधानी की सड़कों पर भीषण खून-खराबा होने के आसार है।
टिल्लू की हत्या करने वाले दीपक डबास उर्फ तीतर, योगेश टुंडा, राजेश बवाना व रियाज खान की जान का खतरा मंडराने लगा है। टिल्लू गिरोह के बदमाश जेल के अंदर या जेल के बाहर चारों की हत्या करने की साजिश रचने शुरू कर दिए हैं। जिसे देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से चारों बदमाशों को हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्ड से हटाकर दूसरी अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, टिल्लू पर बेरहमी से वार करने वाले राजेश बवाना को रोहिणी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं रियाज खान को मंडोली जेल व योगेश टुंडा तथा दीपक डबास उर्फ तीतर को तिहाड़ जेल में दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है।
शनिवार को स्पेशल सेल की टीम तिहाड़ जेल पहुंचकर कई घंटे तक पूरे घटनाक्रम की जांच की। चारों हत्या आरोपितों से सेल अभी पूछताछ नहीं करेगी। पहले क्राइम स्पाट की जांच करेगी। जांच से पता चला है कि गोगी के गुर्गों ने टिल्लू की हत्या से पहले दर्द की दवा खाई थी, ताकि बाद में पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई करने पर उसे महसूस न हो। जांच में पता चला है कि बदमाशों ने टिल्लू को मारने के लिए पहले एक मई की तारीख तय किया था।
एक मई की सुबह तमिलनाडु सुरक्षा कर्मी जेल के राउंड पर थे। इस वजह से बदमाशों ने इरादा बदल कर दो मई को हमले की तैयारी की। एक मई की पूरी रात पहली मंजिल पर बंद सभी आरोपित पूरी रात जागकर बिताई थी यहां तक कि उन्होंने अपने जूते तक नहीं उतारे थे। दो मई की सुबह 6.10 बजे जब उन्होंने देखा कि भूतल पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है उन्होंने लोहे की जाली को तोड़ा और एक-एक कर चादर के सहारे नीचे कूद गए और टिल्लू के वार्ड में घुसकर उसे बाहर निकाल बुरी तरह से वार कर मौत के घात उतार दिया।
सीन रीक्रिएट करने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, सेल जल्द टिल्लू की हत्या के क्राइम सीन को तिहाड़ जेल के अंदर जाकर रीक्रिएट करेगी, ताकि पता लगाया जा सके कि कैसे पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। वारदात के पहले कितने सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी जेल नंबर आठ व नौ में लगाई गई थी। उनमें कौन-कौन ड्यूटी से अनुपस्थित थे। टिल्लू के सेल का दरवाजा कितने बजे खोला गया। वारदात के समय गैंगस्टर मंजीत महाल, सोनू दरियापुर, मनोज खरखरी, प्रदीप सोलंकी व रोहित चश्मदीद थे। इन सभी के बयान लिए जाएंगे।
पुलिस के पास हत्या का सबसे बड़ा सुबूत सीसीटीवी कैमरा है 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज पुलिस खंगाल रही है। जेल नंबर आठ व नौ में उस दौरान कई खतरनाक गैंगस्टर मौजूद थे कितने गैंगस्टर की मूवमेंट सेल के आसपास थी। गैंगस्टरों की साजिश का पता लगाने के लिए फुटेज खंगाले जा रहे हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि हमला करने के कितनी देर बाद सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे थे। जिस वक्त टिल्लू पर हमला हुआ उसी समय कितनी दूसरी बैरकों का दरवाजा खोला गया था क्या कैदियों की सेल का दरवाजा खोलने के बाद सुरक्षाकर्मी उन पर नजर रख रहे थे।
हत्याकांड के बाद उठ रहे कई सवाल
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या टिल्लू की हत्या के पीछे सुरक्षाकर्मियों की कोई साजिश तो नहीं थी। उस दौरान ड्यूटी पर तैनात तमिलनाडु पुलिस के जवानों से पूछताछ की जाएगी। हमलावरों के पास जो नुकीले चाकू नुमा हथियार थे वे इनके पास कैसे आए व कहां तैयार किए गए थे। टिल्लू की हत्या की साजिश के लिए किसने प्लानिंग की थी।
हमलावर जेल नंबर आठ व नौ की अलग अलग सेल में बंद थे तो अचानक वे लोग एक साथ वहां कैसे आ गए। पता लगाया जा रहा है कि हत्या को अंजाम देने के लिए इनकी मीटिंग जेल के अंदर तो नहीं हुई थी। हुई थी तो उसमें कौन कौन शामिल थे। किस बैरक में साजिश रची गई और हथियार कहां-कहां से तैयार किए गए थे। क्या हमला करने के लिए दूसरे कैदियों से जेल के अंदर बने हथियार लिए गए थे।