नई दिल्ली, एक दिव्यांग युवक ने नकली टांग लवाने का झांसा देकर एसीपी सीमापुरी के कार्यालय में जाकर एक हेड कांस्टेबल से दो हजार रुपये ठग लिए। वह एसीपी अक्षय कुमार से शाहदरा डीसीपी रोहित मीणा का नाम लेकर 21 हजार रुपये लेने पर अड़ गया, शक होने पर एसीपी ने जब डीसीपी से पूछा तो दिव्यांग का भेद खुल गया। पुलिस ने उसे वहीं पर दबोच लिया।
आरोपित की पहचान अतुल कुमार उर्फ मोनू (23) के रूप में हुई है। पुलिस ने इसके पास से 12,760 रुपये बरामद किए हैं। हेड कांस्टेबल मनु कुमार की शिकायत पर जीटीबी एन्क्लेव थाना पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत की है। आरोपित ने इससे पहले एक थानाध्यक्ष से भी इसी तरह दो हजार रुपये ठगे थे। मनु कुमार एसीपी सीमापुरी के कार्यालय में तैनात है।
वैशाखी के सहारे एसीपी कार्यालय में आया था दिव्यांग
उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि शनिवार को एक दिव्यांग वैशाखी के सहारे एसीपी कार्यालय में आया। उनसे मिलकर कहने लगा कि उसके पिता दिल्ली पुलिस से एसआइ पद से सेवानिवृत्त हुए थे, बीमारी से उनकी मौत हो गई थी। जबकि वर्ष 2021 में एक सड़क हादसे में उसका पैर कट गया था। चलने फिरने में दिक्कत न हो, इसलिए उसे नकली पैर लगवाना है। उसने हेड कांस्टेबल से पैसे मांगे। साथ कहा कि वह शाहदरा के डीसीपी से मिला था, उन्होंने ही कहा कि था एसीपी सीमापुरी के पास चले जाना वह 21 हजार रुपये की मदद कर देंगे।
पुलिसकर्मी ने उस दिव्यांग को एसीपी के सामने पेश किया, उसने एसीपी को भी वही बात बताई जो हेड कांस्टेबल को बताई थी। एसीपी ने मदद का भरोसा देकर कुछ देर इंतजार करने को कहा। आरोपित ने हेड कांस्टेबल को जाल में फंसाया और रकम मांगने लगा। पीड़ित ने उसे दो हजार रुपये दे दिए। बाद में वह एसीपी से 21 हजार दिलवाने के लिए कहने लगा।
एसीपी को शक हुआ तो उन्होंने डीसीपी से फोन पर बात कर दिव्यांग की मदद करने के बारे में पूछा, डीपीसी ने उन्हें मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को दबोच लिया। पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित का पिता रणवीर सिंह जीवित है और वह पुलिस में भी नहीं था। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर पता करने का प्रयास कर रही है कि वह कितने पुलिसकर्मियों से इस तरह रकम ऐंठ चुका है।