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कर्नाटक घूसखोरी मामला: भाजपा विधायक को जमानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोट सुनवाई को राजी


नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट अनुबंध घोटाले के मुख्य आरोपी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा को अग्रिम जमानत देने के खिलाफ सुनवाई को राजी हो गया है। हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने के विरुद्ध कर्नाटक लोकायुक्त की याचिका पर सुनवाई होगी। वहीं, न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि इसे हाई कोर्ट द्वारा पहले ही सुना जा चुका है तो हम इसपर जल्दी सुनवाई करेंगे।

न्यायमूर्ति कौल की पीठ से समक्ष मामला

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए शुरू में उल्लेख किया गया था। हालांकि, बाद में लोकायुक्त के वकील को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने के लिए कहा गया। जब वकील ने अनुरोध किया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए, तो CJI ने कहा कि चूंकि मुख्य न्यायाधीश की अदालत संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रही है, इसलिए पीठ के लिए इसे सुनना संभव नहीं होगा।

CJI चंद्रचूड़ ने कही ये बात

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामले का उल्लेख कर सकते हैं। उन्होंने कि हम एक संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रहे हैं वरना हम इसे बोर्ड के अंत में ले लेते। वकील ने कहा कि मामले को दोपहर 2 बजे उठाया जा सकता है। इसके बाद CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि ठीक है। आप जस्टिस कौल के सामने उल्लेख करें। वकील तुरंत न्यायमूर्ति कौल की अध्यक्षता वाली अदालत पहुंचे और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।

याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने का निर्देश

न्यायमूर्ति कौल ने वकील से पूछा कि याचिका को सूचीबद्ध करने की क्या जरूरत है। वकील ने जवाब देते हुए कहा कि आरोपी मौजूदा विधायक है और उसके पास से बड़ी मात्रा में धन जब्त किया गया है। न्यायमूर्ति कौल ने तब निर्देश दिया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए और कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही अपना दिमाग लगा दिया है।

ये है मामला

बता दें कि बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी और भाजपा विधायक के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त पुलिस ने 2 मार्च को केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से कथित रूप से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी।